लॉकडाउन के साइड इफेक्ट: दर्जी बन गए पत्रकार, एम्बुलेंस ढो रही सवारी, तम्बाकू उत्पादों की धड़ल्ले से हो रही कालाबाजारी!

कोरोना संक्रमण की आपदा से निपटने के लिए लगाया गया लॉकडाउन गुटखा, पान मसाला और बीड़ी, सिगरेट होलसेल कारोबारियों के लिए मोटी कमाई का बड़ा जरिया बना हुआ है। गुटखा और बीडी सिगरेट के थोक कारोबारी लॉकडाउन के बावजूद पुराने स्टॉक का माल चार गुने दामों में सप्लाई कर कमाई में जुटे हैं।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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आस मोहम्मद कैफ

मीरापुर के अफजाल अहमद बताते है उनके पिता के दिल में वाल्व डाली गई थी। जिसके लिए उन्हें जीबी पन्त अस्पताल दिल्ली जाना था। प्रशासन ने कागज देखकर इसकी अनुमति दे दी। हमारे केथोड़ा गांव का एक युवक किराये पर टेक्सी चलाता है। उसने दिल्ली के 6 हजार रुपये मांगे। आम दिनों में 2500₹ लगते हैं। मेरे पास परमिशन भी थी। मजबूरी में 5500₹ में जाना पड़ा। यह मजबूरी का फायदा उठाना जैसा था। मैंने कुछ और लोगो से भी बात की। कोई भी इसके लिए तैयार नही था। मजबूरी में मुझे जाना पड़ा। लॉकडाऊन में कई तरह से लोग मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं।

सबसे तक़लीफ़देह स्थिति बीमार लोगो की है। जिनका विभीन्न जगहों से इलाज़ चल रहा है। इनमें दिल, पेट और दर्द के मरीज़ हैं। इन्हें निश्चित तारीख़ पर डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। उनके लिए ये वक्त बहुत मुश्किल भरा है। उन्हें कई गुना ज्यादा पैसे देकर अपना काम चलना पड़ रहा है। सिर्फ गाड़ी वाले ही नहीं पान, गुटखा, बीड़ी और सिगरेट वालों ने भी लूट मचा रखा है। हालांकि उत्तर प्रदेश में इस पर पूर्ण प्रतिबंध है लेकिन ब्लैक में हर जगह मिल रहा है। हालांकि इसके लिए लोगों को कई गुना ज्यादा पैसा चुकाना पड़ रहा है। 5 रुपये वाला गुटखा अब 40 से 50 रुपये का मिल रहा है।

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इसी तरह लॉकडाउन में बीड़ी के भाव भी बढ़ गए हैं। 8 रुपये वाली बीड़ी की बंडल अब 25 रुपए में मिल रहा है। कुछ इसी तरह सिगरेट भी ब्लैक में कई गुना ज्यादा कीमत पर बेचा जा रहा है। सिगरेट पीने वालों का कहना है कि 95 रुपए में मिलने वाला पैकेट आज 250 रुपए का मिल रहा है। कई जगह तो यह 300 रुपए का मिल रहा है। पान मसाला भी पांच गुना महंगा बिक रहा है।

इस तहर से गैरकानूनी ब्लैक में बीड़ी और गुटखा बेचने वालों पर पुलिस कार्रवाई भी कर रही है। कई लोगों को पकड़ा गया है और उनकी दुकानों को सील किया गया है। इसी तरह लॉकडाउन में शराब भी कई गुना ज्यादा कीमतों पर ब्लैक में बेचा जा रहा है। कुछ लोगों को फर्जी प्रेस कार्ड के साथ गिरफ्तार किया गया है जो शराब बेच रहे थे। मेरठ से दो ऐसे युवकों को गिरफ्तार किया गया है जो दर्जी हैं मगर प्रेस कार्ड लेकर घूम रहे थे।

सहारनपुर पुलिस ने भी ऐसे युवकों को पकड़ा है, जो फर्जी प्रेस कार्ड के जरिए ऐसी ही कुछ सेवाएं दे रहे थे। इनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है। ऐसे समय पर कागज़ की तैयारी में जुटी महिलाएं को फ़ोटोस्टेट के 5 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। इसका सामान्य रेट 1 रुपया है।कुछ जगह पुलिस ने ऐसी दुकानें सीज भी की है।

उत्तर प्रदेश सरकार इस तरह की कालाबाजारी को लेकर कई बार चेका चुकी है। कई जगह छापे भी मारे गए हैं और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। लेकिन चोरी छिपे अब भी ब्लैक का खेल चल रहा है। इतना ही नहीं इन कामों के लिए एंबुलेंस का भी इस्तेमाल हो रहा है।

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Published: 24 Apr 2020, 6:00 PM
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