तो स्टेज तीन में पहुंचने वाला है कोरोना वायरस, इसका मतलब भी जानते हैं आप? अब न करें लापरवाही

भारत में कोरोना वायरस के मामले बढ़े जरूर हैं लेकिन अब भी ये अपने दूसरे स्टेज में ही है। मतलब अभी यह स्थानीय स्तर पर लोगों को संक्रमित कर रहा है। लेकिन कोरोना वायरस भारत में स्टेज तीन में यानी सामुदायिक संक्रमण पर पहुंच गया तो खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारत में कोरोना वायरस के मामले बढ़े जरूर हैं लेकिन अब भी ये अपने दूसरे स्टेज में ही है। मतलब अभी यह स्थानीय स्तर पर लोगों को संक्रमित कर रहा है। लेकिन कोरोना वायरस भारत में स्टेज तीन में यानी सामुदायिक संक्रमण पर पहुंच गया तो खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा। फिलहाल इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिक यह पता लगाने में लगे हुए हैं। ऐसे में अगले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

ICMR के वैज्ञानिक डॉ. आरआर गंगाखेड़कर के मुताबिक अगले 24 से 36 घंटों में यह पता चल जाएगा कि कोरोना वायरस ने भारत में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू किया या नहीं। यानी स्टेज तीन पर वायरस पहुंचा या नहीं। यह पता करने के लिए गणितीय मॉडल पर काम चल रहा है। डॉ. गंगाखेड़कर ने ये जानकारी एक मीडिया संस्थान को दी है।

जानकार पहले भी कह चुके हैं कि अगर कोरोना वायहस भारत में स्टेज तीन में पहुंच जाता है तो इसे संभालना बेहद मुश्किल हो जाएगा। ICMR के महानिदेशक डॉ. बरलाम भार्गव भी कह चुके हैं कि स्टेज तीन में पहुंचने के बाद इसे संभालना आसान नहीं होगा।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को अपने स्तर से जोखिम का आकलन करते हुए उन इलाकों की पहचान करने को कहा गया है जहां लॉकडाउन की जरूरत है। ताकि संक्रमण के चेन को तोड़ा जा सके। हरियाणा के झज्जर स्थित 800 बेडों के नेशनल केंसर इंस्टिट्यूट को कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए रिजर्व किया गया है। 1,200 वेंटिलेटर्स का ऑर्डर दिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि देश में कोरोना से संक्रमण के मामलों में वृद्धि की वजह पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिका, यूके जैसे बुरी तरह प्रभावित देशों से भारतीयों की वापसी हो रही है।

डॉ. बलराम भार्गव ने ये भी बताया है कि 80% मामलों में सामान्य बीमारी है। उन्हें संक्रमण का पता भी नहीं चलता है। 20% मामलों में कोविड-19 से बुखार और खांसी होती है। करीब 5% संक्रमितों को भर्ती कराने की जरूरत होती है।

डॉ. भार्गव नेबताया कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज अलग-अलग लक्षणों के आधार पर ही किया जा रहा है। कुछ दवाइयों के कॉम्बिनेशन आजमाए जा रहे हैं, लेकिन इलाज की अब तक कोई सटीक दवा नहीं मिली है।

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Published: 23 Mar 2020, 3:34 PM