बिहार में कोरोना का कोहराम, राजनीतिक दलों के प्रदेश मुख्यालय हुए बंद, आम लोगों के आने-जाने पर पाबंदी

बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों का असर अब राजनीतिक पार्टियों के कार्यक्रमों पर भी दिखने लगा है। राजनीतिक गतिविधियां शिथिल पड़ गई हैं तथा पार्टियों के प्रदेश मुख्यालयों को भी बंद कर दिया गया है।

फोटो: IANS
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मनोज पाठक, IANS

बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों का असर अब राजनीतिक पार्टियों के कार्यक्रमों पर भी दिखने लगा है। राजनीतिक गतिविधियां शिथिल पड़ गई हैं तथा पार्टियों के प्रदेश मुख्यालयों को भी बंद कर दिया गया है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कार्यालय में आम लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर राजद अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए प्रदेश कार्यालय को बंद कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ पदाधिकारी जरूरत पड़ने पर आएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पहले की तुलना में खतरनाक रूख अख्तियार कर रही है। एहतियात बेहद जरूरी है।

इधर, जनता दल (युनाइटेड) प्रदेश कार्यालय भी बाहरी लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। जदयू ने राष्ट्रीय कार्यक्रम से लेकर राज्यस्तरीय कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। जदयू ने प्रदेश कार्यालय को कोरोना के मद्देनजर 20 अप्रैल तक बंद रखने का निर्णय लिया है।


प्रदेश जदयू अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि 20 अप्रैल तक पार्टी कार्यालय पूरी तरह बंद रहेगा। इस दौरान कोई भी कार्यक्रम नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयस्तर पर भी सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।

इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रदेश कार्यालय भी कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए 21 अप्रैल तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। भाजपा के मुख्यालय प्रभारी सुरेश रुंगटा ने बताया कि पार्टी का कार्यालय 21 अप्रैल तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस दौरान कोई भी गतिविधि नहीं होगी।

इधर, कांग्रेस कार्यालय सदकात आश्रम इस महीने के पहले सप्ताह से ही आम लोगों के लिए बंद है। कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड ने कहा कि राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कांग्रेस चार अप्रैल से अपने सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तरह और राजनीतिक दल अपने कार्यालय बंद कर अपने कार्यक्रमों को पहले ही स्थगित कर दिए होते तो शायद बिहार में कोरोना की यह रफ्तार नहीं होती।


उल्लेखनय है कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है। राज्य में गुरुवार को 6,133 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है, जो एक दिन में मिले मामलों में रिकार्ड है। राजधानी पटना में गुरुवार को सबसे अधिक 2,105 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई है।

इस बीच राज्य में रिकवरी रेट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। राज्य में रिकवरी रेट गिरकर 89.79 प्रतिशत है। राज्य में कोविड-19 के सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 29,078 पहुंच गई है।

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