CAA के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन, मुंबई में उमड़ा जनसैलाब, कई सितारे भी उतरे विरोध में

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ गुरुवार को देश भर में प्रदर्शन हुए। दिल्ली, बेंगलुरू, लखनऊ, पटना, कोलकाता से लेकर अहमदाबाद और मुंबई तक में लोगों ने सड़क पर आकर प्रदर्शन किया। आज लेफ्ट पार्टियों के भारत बंद का असर भी कई जगह देखने को मिला।

फोटोः सोशल मीडिया
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आसिफ एस खान

गुरुवार का दिन नागरिकता कानून के खिलाफ पूरे देश में जबर्दस्त विरोध-प्रदर्शनों का गवाह बना। नागरिकता कानून के खिलाफ गुरुवार को देश की राजधानी दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, कोलाकाता, मुंबई और सुदूर दक्षिण राज्य कर्नाटक में भी लोगों ने सड़क पर आकर प्रदर्शन किया। खास बात ये रही कि पूरे देश में हुए इन प्रदर्शनों में सभी धर्मों और सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हुए। कर्नाटक के बेंगलुरू में जहां वरिष्ठ इतिहासकार रामचंद्र गुहा सड़क पर उतरे तो, दिल्ली में योगेंद्र यादव और अरुंधति रॉय जैसे तमाम सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कानून का विरोध किया।

शुरुआत करें देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की तो नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ गुरुवार को अगस्त क्रांति मैदान में ऐतिहासिक प्रदर्शन हुआ। 70 से ज्यादा सामाजिक और छात्र संगठनों द्वारा बुलाए गए इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ पड़ा। आज के इस प्रदर्शन को कांग्रेस-एनसीपी और एसपी ने भी समर्थन दिया था। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष एकनाथ गायकवाड के नेतृत्व में विपक्षी दलों कांग्रेस, एसपी और सीपीआई ने बैठक कर आंदोलन में भाग लेने का ऐलान किया था।

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खास बात ये रही कि इस प्रोटेस्ट में बॉलीवुड की हस्तियां भी खुलकर नागरिकता कानून के खिलाफ सड़क पर उतर आईं। अभिनेता फरहान अख्तर, स्वरा भास्कर, अनुराग कश्यप, कबीर खान, जोया अख्तर, हुमा कुरैशी और सुशांत सिंह जैसी फिल्मी हस्तियों ने अगस्त क्रांति मैदान में पहुंचकर इस कानून का विरोध किया। इस प्रदर्शन में बॉलीवुड अभिनेत्री शबाना आजमी को भी शामिल होने था लेकिन वे निजी कारणों से इसमें शामिल नहीं हो सकीं। उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश जारी कर इस आन्दोलन को अपना समर्थन दिया है।

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बात राजधानी दिल्ली की करें तो गुरुवार को लालकिला, मंडी हाउस और जंतर-मंतर समेत कई इलाकों में बड़े प्रदर्शन हुए। आज लेफ्ट पार्टियों ने भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया था, जिसका असर दिल्ली समेत देश के कई दूसरे राज्यों में देखने को मिला। प्रदर्शन के लिए निकले सीपीआई नेता डी राजा, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, निलोत्पल बसु, वृंदा करात सहित कई अन्य नेताओं को मंडी हाउस में हिरासत में ले लिया गया।

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वहीं बिहार के कुछ इलाकों में लेफ्ट कार्यकर्ताओं ने ट्रेनों का परिचालन रोक दिया। बिहार की राजधानी पटना और दरभंगा में प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को रोक दिया और रेल पटरी पर बैठ गए। लेफ्ट पार्टियों के भारत बंद में शामिल पूर्व सांसद जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव, आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा, हम के जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी ने भी अलग-अलग जगहों पर सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर नागरिकता कानून का विरोध किया। पटना में पप्पू यादव खुद को जंजीरों में बांधकर सड़कों पर उतरे। उनका कहना है कि देश को भी बेड़ियों में बांधा गया है, जिसका विरोध करने के लिए वह बेड़ियां पहनकर उतरे हैं।

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वहीं आज दिल्ली में स्वराज इंडिया समेत कुल 60 संगठनों लालकिला से प्रदर्शन मार्च का ऐलान किया था। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी, जिसके बाद प्रदर्शन शुरू होते ही दिल्ली पुलिस ने योगेंद्र यादव, कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, छात्र नेता उमर खालिद, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। प्रदर्शन को रोकने के लिए राजधानी में तीन दर्जन से अधिक मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया था।

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इसके अलावा बड़े पैमाने पर प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट, कॉलिंग, एसएमएस सेवा पर रोक लगा दी गई थी। दिल्ली के मंडी हाउस, सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, जामिया नगर, शाहीन बाग, बवाना इलाके में एयरटेल, रिलायंस जियो, आइडिया-वोडाफोन नेटवर्क की सेवा बंद कर दी गई थी। एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया, रिलायंस जियो ने दिल्ली में मोबाइल सेवाएं बंद होने का ऐलान भी किया।

वहीं दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में भी कई जगहों पर आम लोगों और सिविल सोसायटी के लोगों ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्स किया। राजधानी बेंगलुरु में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रख्यात इतिहासकार रामचंद्र गुहा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। राज्य के कलबुर्गी में भी आज जबर्दस्त प्रदर्शन हुआ। वहीं मेंगलुरू में हुए प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हो गई। इनमें से कम से एक व्यक्ति की मौत गोली लगने से हुई है। मेंग्लुरु में गुरुवार दोपहर से ही कई जगह से पथराव की खबरें आ रही थीं।

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बात उत्तर भारत की करें तो गुरुवार को लगभग पूरा उत्तर प्रदेश नागरिकता कानून के विरोध का गवाह बना। प्रशासन द्वारा पहले से ही धारा 144 लगाने के बावजूद राजधानी लखनऊ में हजरतगंज, हसनगंज, परिवर्तन चौक जैसे कई इलाकों में जब्रदस्त विरोध प्रदर्सन हुआ। यहां पुलिस द्वारा बल प्रयोग करने के बाद कुछ जगहों पर भीड़ उग्र हो गई और प्रदर्शकारियों ने एक पुलिस चौकी समेत कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई। हालांकि, प्रदेश के डीजीपी ओ पी सिंह ने किसी प्रदर्शनकारी की मौत की जानकारी से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की तरफ से कोई गोली नहीं चलाई गई है।

वहीं संभल जिले में भी नागरिकता कानून के खिलाफ उग्र प्रदर्शन देखने को मिला। यहां विवादित कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने यूपी रोडवेज़ की 4 बसों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा दोपहर बाद वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिलों में भी भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। वाराणसी में समाजवादी पार्टी और भाकपा (माले) ने भी प्रदर्शन किया। चित्रकूट में भी इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुआ, जहां पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया ।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आज वामपंथी पार्टियों और सामाजिक संगठनों के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। हालांकि इस दौरान कानून के समर्थन में कुछ वकील धरना स्थल पर पहुंच आए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें वहां से हटाया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सामाजिक संगठन के लोगों ने भी आज विरोध प्रदर्शन किया। इन लोगों ने आरोप लगाया कि जानबूझकर देश को बांटने के लिए नागरिकता संशोधन एक्ट लाया गया है। अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो और बड़े स्तर पर प्रदर्शन होंगे।

वहीं, इस बीच नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगातार मुखर होकर आन्दोलन चला रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर जनमत संग्रह कराने की मांग की है। ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्र से मांग करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में नागरिकता कानून और एनआरसी पर जनमत संग्रह कराया जाए। उन्होंने कहा कि इसमें अगर आप हारते हैं तो फिर आपको इस्तीफा देना होगा।

वहीं, गुरुवार को देश भर में हुए प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को देखते हुए शाम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में एनएसए अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जीके रेड्डी और केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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Published: 19 Dec 2019, 10:35 PM