सभी देशों में गाय दूध देती है, लेकिन हमारे यहां देती है वोट, छत्तीसगढ़ के नए सीएम भूपेश बघेल बदलेंगे यह अवधारणा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि विश्व के सभी देशों में गाय दूध देती है, लेकिन हमारे देश में वोट देती है। कुछ लोगों ने पशुधन का राजनैतिक उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि वह इस अवधारणा को बदलकर मवेशी जीवन का आवश्यक अंग है, इसकी व्यवस्था करेंगे।

फोटोः सोशल मीडिया
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प्रमोद अग्रवाल

छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही राज्य में किसानों के 6100 करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए। उन्होंने धान का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति क्विंटल करने का आदेश जारी किया और बस्तर के झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं पर हमले की एसआईटी जांच कराने की भी घोषणा की। एक ही दिन में किये गए सरकार के इन कामों से राज्य की जनता में यह विश्वास जागा है कि नई सरकार जनता से किये गए अपने सभी वादों को पूरा करेगी और जिस अपेक्षा के साथ जनता ने कांग्रेस को तीन चौथाई बहुमत दिया है वे अपेक्षाएं फलीभूत होंगी। पदभार ग्रहण करने के बाद पहले ही दिन नवजीवन के लिए प्रमोद अग्रवाल के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी सरकार की कार्ययोजना पर विशेष चर्चा की। पेश हैं उस बातचीत के प्रमुख अंश।

क्या कारण है कि कांग्रेस को इतना बड़ा जनादेश हासिल हुआ और बीजेपी सरकार की हार हुई?

कांग्रेस का राहुल गांधी जी के नेतृत्व में संगठित होना, उनकी बनाई रणनीति पर कार्य करना, बूथ स्तर पर प्रशिक्षण देकर कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाया जाना और पूरे आत्मविश्वास के साथ जीत का प्रयास करने के कारण हम सफल हुए। पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं से प्रत्याशी चयन में राय लेना, बूथों को सेक्टर में विभाजित कर प्रशिक्षण, सोशल मीडिया का प्रशिक्षण आदि पहली बार किया गया। घोषणा पत्र बनाने के लिए हर वर्ग से, कर्मचारियों से, कंपनियों के लोगों से, व्यापारियों से, अनुसूचित जाति-जनजातियों सहित सभी समाज प्रमुखों से, किसानों, मजदूरों से रायशुमारी की गई और फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल जी के नेतृत्व पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और जनता ने विश्वास जताया।

बीजेपी की सरकार पंद्रह साल सत्ता में रहकर बेहद अंहकारी हो गई थी। उन्हें लगने लगा था कि लोकतंत्र में खरीद-फरोख्त कर, प्रलोभन देकर, छल-कपट के जरिये हर बार चुनाव जीता जा सकता है, लेकिन इस बार जनता ने उनके सारे हथकंडे ध्वस्त कर दिए। हमने शीर्ष नेतृत्व द्वारा बनाई गई रणनीति का कुशलता से पालन किया और कार्यकर्ताओं ने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से चुनाव लड़ा।

सरकार बनने के बाद प्राथमिकताएं क्या होंगी और घोषणा पत्र के अलावा आपने गढ्डों नवा छत्तीसगढ़ का जो नारा दिया था, उसे कैसे पूरा करेंगे?

किसानों से किया वादा हमने पूरा कर दिया है। घोषणा पत्र में उल्लेखित हर काम करने के लिए हम कटिबद्ध हैं। इसके अलावा मैंने कहा था कि हम नरवा (नाला) गरूवा (पशुधन) घुरूवा (चारागाह और जैविक खाद बनाने का स्थान) बाड़ी (घरेलू खेती) इनको बचाना है संगवारी (मित्र), इस अवधारणा को विकसित करेगें। नालों में व्यर्थ बह जाने वाले पानी का कृषि में उपयोग हो, राज्य में पशुपालन को बढ़ावा मिले, पशुओं को अर्थव्यवस्था का अंग बनाकर आय के संसाधन विकसित करेगें, बाड़ी की संस्कृति का विकास करेंगे, जिससे प्रर्यावरण संतुलन होगा और घरेलू जरूरतें पूरी होंगी। हम चारागाहों के लिए संरक्षित भूमि को पिछली सरकार द्वारा बेच दिए जाने के मामलों की जांच करेंगे।

विश्व के सभी देशों में गाय दूध देती है लेकिन हमारे देश में वह वोट देती है। कुछ लोगों ने पशुधन का राजनैतिक उपयोग किया है, हम उस अवधारणा को बदलकर मवेशी हमारे जीवन का आवश्यक अंग है, उसकी व्यवस्था करेंगे।

नक्सलवाद राज्य की बड़ी और गंभीर समस्या है। पिछली सरकार इस समस्या से निजात दिलाने में असफल रही। आपकी सरकार इससे कैसे निबटेगी ?

पिछली सरकार ने जितनी फोर्स बढ़ाई उतना ही नक्सलवाद भी बढ़ गया। हमारा यह मानना है कि यह सिर्फ कानून और व्यवस्था का मामला नहीं है, बल्कि यह आर्थिक और सामाजिक भी है। इस मामले में पीड़ित पक्ष से कभी राय नहीं ली गई। हम आम लोगों, पीड़ित पक्षकारों, विजनरियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, जनप्रतिनिधियों से बात कर ठोस रणनीति के तहत इस दिशा में कार्य करेंगे। हमारा यह मानना है कि यह समस्या बंदूक चलाकर हल नहीं होगी।

सरकार बनने के बाद आगामी लोकसभा चुनाव लड़ना बड़ी चुनौती है, इसका सामना कैसे करेंगे?

विधानसभा में कांग्रेस को तीन चौथाई बहुमत मिला है। हमारा लक्ष्य राज्य की शत प्रतिशत सीट जितना है। कार्यकर्ताओं की पसंद से उम्मीदवार चयन और जनता के विश्वास से सभी ग्यारह सीटों पर जीतेंगे।

सामाजिक समरसता का ह्रास हुआ है और वैमनस्यता बढ़ी है। इसका निदान कैसे होगा?

छत्तीसगढ़ शांत इलाका है। यहां के ताने-बाने और मूल चरित्र में वैमनस्यता का स्थान नहीं है। हालांकि कुछ लोगों ने इसे बिगाड़ने की बहुत कोशिश की है, लेकिन हम हमारे राज्य के मूल चरित्र और संस्कृति को बनाकर चलेंगे और संविधान प्रदत्त सभी अधिकार लोगों को प्राप्त होंगे।

राज्य में हुए धान घोटाले, अंतागढ़ उपचुनाव के सीडी कांड, इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले और भूतपूर्व मंत्री के सेक्स सीडी कांड की जांच का क्या होगा ?

इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक के नार्को टेस्ट की सीडी आज तक कोर्ट को उपलब्ध नहीं कराई गई है। उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने लोकतंत्र का चीरहरण किया था। हमने उस समय भी सत्ता से जुड़े लोगों की इस मामले में हुई बातचीत की एक सीडी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उस रिपोर्ट का क्या हुआ उसकी स्थिति का पता करेंगे। धान घोटाला और मंत्री सीडी कांड का मामला भी कोर्ट में लंबित है। इन सब मामलों में कानून के तहत सभी कार्रवाई होगी।

छत्तीसगढ़ संसाधन से भरपूर राज्य है। खनिज संपदा, उर्जा सहित वनोपज आदि का कैसे उपयोग होगा ?

केंद्र सरकार ने कुछ एनजीओ और नीजी संस्थाओं को जनभावनाओं के विपरीत संसाधन दिए हैं। सरकार ऐसे मामलों में जनता को सर्वोपरि मानती है। हम उन क्षेत्रों में निवास करने वालों से पूछेंगे कि वे क्या चाहते हैं। पुनर्वास की पूरी व्यवस्था की जाएगी। हर गलत आवंटन के विरुद्ध जनता से मिलकर लड़ाई लड़ी जाएगी। जनभावनाओं का संरक्षण सबसे महत्वपूर्ण होगा।

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