मध्य प्रदेश में बारिश से फसलों को भारी नुकसान, कांग्रेस ने की मुआवजे की मांग

जीतू पटवारी ने कहा कि नर्मदापुरम, खंडवा, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, बैतूल, छतरपुर और निवाड़ी जिलों में ओले गिरे हैं। कुछ जिलों में खेतों में कटी फसल पानी में डूब गई। किसानों को आशंका है कि अब दाने काले पड़ सकते हैं।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

मध्य प्रदेश में मंगलवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। राज्य के मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए है, तो वहीं कांग्रेस ने प्रभावित किसानों को जल्दी मुआवजा दिए जाने की मांग की है।

राज्य के कई हिस्सों में मंगलवार को तेज आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई जिससे अनेक स्थानों पर फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस नुकसान के आंकलन के निर्देश दिए। साथ ही किसानों को राहत दिलाने का वादा किया है। जिलाधिकारियों को नुकसान का सर्वे करने को कहा गया है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक बयान मे कहा है कि हाल ही में मौसम में हुए बदलाव ने राज्य में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। प्रदेश के कई हिस्‍सों में सोमवार से मंगलवार रात तक तेज हवा और बारिश के साथ ओलावृष्टि ने खेतों में गेहूं, चना और सरसों की फसल को सबसे ज्‍यादा प्रभावित किया है।


उन्होंने कहा कि नर्मदापुरम, खंडवा, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, बैतूल, छतरपुर और निवाड़ी जिलों में ओले गिरे हैं। कुछ जिलों में खेतों में कटी फसल पानी में डूब गई। किसानों को आशंका है कि अब दाने काले पड़ सकते हैं। प्रदेश सरकार को इसका संज्ञान लेकर पीड़ित किसानों को राहत पैकेज जारी करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार वास्तव में किसानों की मदद करना चाहती है तो नियमित रूप से हो रहे सर्वे की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के द्वारा किसानों से साझा भी की जाए! पटवारी ने राहत पैकेज को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण मसला है राहत के तहत दिए जाने वाले मुआवजे का। क्योंकि, किसानों के पुराने अनुभव यही बताते आ रहे हैं कि सरकार द्वारा घोषित सर्वे बहुत धीमा होता है। जब अंतिम रिपोर्ट सामने आती है, तब तो बहुत देर हो जाती है! मुआवजे की प्रक्रिया भी बहुत धीमी रहती है। इससे भी प्रभावित होने वाले किसानों को राहत मिलने में बहुत समय लग जाता है!

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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