मुख्य सचिव के साथ मारपीट मामले में केजरीवाल-सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

इस मामले को लेकर दिल्ली के आईएएस अधिकारियों ने अघोषित हड़ताल कर दी थी। जिससे राजधानी दिल्ली की सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच काफी तनाव पैदा हो गया था। हालांकि, लंबे चले टकराव के बाद दोनों पक्ष दोबारा काम पर वापस लौटे थे।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राजधानी दिल्ली में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। दिल्ली पुलिस की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा आम आदमी पार्टी के 9 विधायकों को आरोपी बनाया गया है। इससे जांच के दौरान मेडिकल रिपोर्ट में मुख्य सचिव के साथ मारपीट की पुष्टि हुई थी। साथ ही इसे लेकर आईएएस एसोसिएशन ने राष्ट्रपति से भी गुहार लगाई थी।

इसको लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के मीडिया सलाहकार अरुणोदय ने ट्वीट कर कहा है कि एक ओर दिल्ली पुलिस सीएम, डिप्टी सीएम और विधायकों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने में लगी रहती है, वहीं दूसरी ओर अतिसुरक्षित माने जाने वाले दिल्ली के लूटियन इलाके से स्वतंत्रता दिवस की चाक चौबंद सुरक्षा के बीच से कोई आराम से गोली चलाकर निकल जाता है। उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता का पता चलता है।

गौरतलब है कि इसी साल 19 फरवरी की देर रात दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश एक बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर गए थे। बाद में उन्होंने वहां से निकलकर आरोप लगाया कि सीएम केजरीवाल के सामने उनकी पार्टी के विधायकों ने उनके साथ मारपीट की थी। हालांकि, केजरीवाल के घर पर हुई बैठक में मौजूद रहे विधायकों ने मुख्य सचिव के आरोपों को गलत बताया था। आप विधायकों का कहना था कि मुख्य सचिव अंशू प्रकाश महज 3 मिनट में सीएम आवास से बाहर निकल गए थे, तो ऐसे में उनके साथ मारपीट कैसे हो सकती है।

मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के आरोप पर आम आदमी पार्टी के दो विधायकों, अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इनमें से अमानतुल्ला खान ने 21 फरवरी की दोपहर को पुलिस के सामने सरेंडर किया था, वहीं विधायक प्रकाश जरवाल को दिल्ली पुलिस ने 20 फरवरी की रात को गिरफ्तार कर लिया था। इसके अलावा इश मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन से थाने में पूछताछ भी की थी।

इस मामले को तूल पकड़ने पर काफी हंगामा मच गया था। इस घटना के खिलाफ दिल्ली के अधिकारी हड़ताल पर चले गए थे, और उन्होंने काम का बहिष्कार कर दिया था। इसकी वजह से राजधानी दिल्ली की सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच लंबे समय तक तनाव की स्थिति बनी हुई थी। हालांकि, लंबी चली टकराहट के बीच दोनों पक्षों में आपसी बातचीत के बाद अधिकारी दोबारा काम पर लौटे थे।

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