लोकतांत्रिक व्यवस्था में तानाशाही रवैया ठीक नहीं, केंद्रीय जांच एजेंसियों को निष्पक्षता से करना चाहिए काम : गहलोत

राजस्थान के सीएम ने आगे कहा कि 2030 तक राज्य का नियोजित विकास सुनिश्चित करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है। मिशन-2030 के तहत तैयार किए जा रहे विजन डॉक्यूमेंट के लिए राज्य के 50 लाख से ज्यादा लोगों ने अपने सुझाव दिए हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। सीएम गहलोत ने टोंक में ''इंदिरा रसोई योजना'' के शुभारंभ पर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में तानाशाही रवैया ठीक नहीं है।

रविवार को टोंक जिले के निवाई में इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण) के शुभारंभ के दौरान सभा को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा, "लोकतांत्रिक व्यवस्था में तानाशाही रवैया उचित नहीं है। केंद्रीय जांच एजेंसियों को निष्पक्षता से काम करना चाहिए। वर्तमान केंद्र सरकार को कानून बनाकर पिछली केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गये खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, सूचना एवं रोजगार के अधिकार की तर्ज पर आम लोगों को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार देना चाहिए।"

सीएम ने कहा, "साथ ही राज्य के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई जल की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाना चाहिए।"

गहलोत ने कहा कि शहरों में सार्वजनिक, धार्मिक, व्यावसायिक स्थलों और कच्ची बस्तियों के पास इंदिरा रसोई खुलने से मजदूरों, विद्यार्थियों और कामकाजी लोगों को मात्र 8 रुपये में पौष्टिक भोजन मिल रहा है। राज्य सरकार अपने संकल्प को पूरा करने के लिए लगातार काम कर रही है। 'कोई भूखा न सोए' इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में इंदिरा रसोई का विस्तार किया जा रहा है।

इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में इंदिरा रसोई खुलने से आम लोगों को पौष्टिक और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल सकेगा। गहलोत और प्रियंका गांधी रविवार को टोंक जिले के निवाई में इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण) के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।


गहलोत ने कहा, ''पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश हित में अपना जीवन बलिदान कर दिया लेकिन अलगाववादी ताकतों को सफल नहीं होने दिया। आज उनके नाम पर लाई गई इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण) के तहत पूरे राज्य में 400 ग्रामीण इंदिरा रसोई शुरू की गई हैं। 25 सितंबर तक इनकी संख्या बढ़ाकर 1,000 कर दी जाएगी। राज्य सरकार अपनी बजट घोषणाओं को पूरा करते हुए आम लोगों को राहत दे रही है। राज्य सरकार की योजनाओं के आधार पर अन्य राज्यों में नीति निर्माण का कार्य किया जा रहा है।''

राजस्थान के सीएम ने आगे कहा कि 2030 तक राज्य का नियोजित विकास सुनिश्चित करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है। मिशन-2030 के तहत तैयार किए जा रहे विजन डॉक्यूमेंट के लिए राज्य के 50 लाख से ज्यादा लोगों ने अपने सुझाव दिए हैं। उन्होंने आम जनता से ऑनलाइन एवं अन्य माध्यमों से अधिक से अधिक सुझाव देने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है। उन्‍होंने कहा, "महंगाई राहत शिविरों के माध्यम से दी गई 10 गारंटी से जनता को महंगाई की मार से राहत मिली है। किसानों के लिए अलग बजट, ओपीएस, स्वास्थ्य का अधिकार, न्यूनतम आय गारंटी का अधिकार, एक करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन,  लम्पी रोग से मृत पशुओं के लिए 40,000 रुपये की व्यवस्था की पूरे देश में सराहना की जा रही है।''

गहलोत ने कहा, "जहां पहले राज्य को अकाल और गरीबी से ग्रस्त राज्य के रूप में जाना जाता था, वहीं आज परिस्थितियां बदल गई हैं। राजस्थान आज शिक्षा और स्वास्थ्य सहित विभिन्न मापदंडों पर देश में पहले स्थान पर है। राजस्थान उत्तर भारत में सबसे अधिक आर्थिक विकास दर वाला राज्य है। पिछले चार वर्षों में राज्य की जीडीपी में 6 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। हमारा लक्ष्य 2030 तक राज्य की जीडीपी को 30 लाख करोड़ रुपये तक ले जाना है।'' 

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