दिल्ली-गाजीपुर जितनी सुरक्षा तो पाकिस्तान बॉर्डर पर भी नहीं, राज्यसभा में बोले सपा सांसद रामगोपाल यादव

राज्यसभा में बुधवार को तीनों किसान कानूनों पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने केंद्र सरकार पर किसानों के मसले पर संवेदनहीनता दिखाने का आरोप लगाया।

फोटो : IANS
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नवजीवन डेस्क

राज्यसभा में बुधवार को तीनों किसान कानूनों पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने केंद्र सरकार पर किसानों के मसले पर संवेदनहीनता दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने तीनों बिलों को स्टैंडिंग कमेटी में भेजने की बात मान ली होती तो आज यह संकट न खड़ा होता। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर देश की पार्लियामेंट और पाकिस्तान बार्डर से भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था क्यों है? क्या किसान दिल्ली पर हमला करने वाले हैं? समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने बुधवार को कृषि कानूनों पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा, "अगर डेढ़ साल तक कानूनों को होल्ड करने के लिए सरकार राजी है तो फिर तीनों कानूनों को इस सत्र में खत्म कर नए बिल लाकर उसे स्टैंडिंग कमेटी के माध्यम से क्यों नहीं पास कराया जाता। अगर तीनों बिलों को स्टैंडिंग कमेटी में भेजने की आपने विपक्ष की मांग मान ली होती तो यह संकट न आता।"

सपा सांसद ने कहा कि हमारे किसान कई महीनों से बैठे हुए हैं। सर्दी, भूख और अन्य कारणों से तमाम किसानों की जान जा चुकी है। सरकार ऐसी निर्दयी और बेहरम हो गई है कि उसके ऊपर कोई असर नहीं हो रहा है।

सपा सांसद रामगोपाल यादव ने गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर सड़कों पर कील लगाने और कंक्रीट की दीवारें बनाए जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "दिल्ली-गाजीपुर, टीकरी हो या सिंधु बोर्डर हो। सड़क खोदकर कंक्रीट की दीवारें बना दी गई हैं। इतनी सुरक्षा तो हमारी पार्लियामेंट में भी नहीं है। पाकिस्तान बॉर्डर गया हूं, वहां भी इतनी सुरक्षा नहीं है।"


राज्यसभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा, "मेरा ये सवाल है कि आप कहते हैं कि हम किसानों के लिए कानून लाएं। किसान कहते हैं कि हमारे लिए ठीक नहीं है तो फिर आप क्यों कानूनों को थोप रहे हो। आर्डिनेंस आ गए थे जून में। बाद में विधेयक आया। मैं आपको एमएसपी का उदाहरण देता हूं। पिछले साल जब अध्यादेश नहीं आया था, तब हमारे यहां मक्का का भाव 22 सौ रुपये क्विंटल था। जब अध्यादेश लागू कर दिया तो 11 सौ रुपये क्विंटल हो गया, जबकि मक्के की एमएसपी की हाईब्रिड की 2660 रुपये और सामान्य मक्का की 1860 रुपये प्रति क्विंटल है।"

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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