धनतेरस पर बाजारों में ग्राहक तो खूब आए, लेकिन नोटबंदी वाले सप्ताह में फीकी ही रही सोने-चांदी की चमक

धनतेरस पर कुछ न कुछ खरीदना शुभ होता है, खासतौर से धातु का बना कुछ भी। इसलिए आम तौर पर लोग सोने-चांदी के आभूषण और बर्तन आदि खरीदते रहे हैं इस दिन। लेकिन इस बार नोटबंदी वाले सप्ताह ने धनतेरस के मौके पर सोने-चांदी की चमक भी फीकी कर दी।

फोटो : सोशल मीडिया
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आईएएनएस

धनतेरस के अवसर पर इस साल महंगी धातुओं की खरीदारी में ग्राहकों की दिलचस्पी पिछले वर्षो के मुकाबले कम रहने के कारण सोमवार को भारतीय सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की चमक फीकी पड़ गई। अंतर्राष्ट्रीय बाजार से मिले कमजोर संकेतों से घरेलू वायदा बाजार में भी बुलियन में सुस्ती छाई रही। हालांकि, हाजिर भाव में कोई ज्यादा फर्क नहीं रहा।

बाजार सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में 24 कैरट का सोने का हाजिर भाव 32,880 रुपये प्रति दस ग्राम और मुंबई में 32,825 रुपये प्रति दस ग्राम रहा। चांदी का भाव दिल्ली में 39,520 रुपये प्रति किलोग्राम और मुंबई में 39,700 रुपये प्रति किलोग्राम रहा। हालांकि, दिल्ली के प्रमुख ज्वेलरी स्टोर्स में आभूषण खरीदने वालों की भारी भीड़ देखी गई, लेकिन आभूषण विक्रेताओं ने बताया कि औसत बिक्री का आकार पिछले वर्षो के मुकाबले छोटा है।

पीसी ज्वैलर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बलराम गर्ग ने बताया "हमारे सभी स्टोर्स में अच्छी तादाद में ग्राहक आ रहे हैं, भले ही औसत बिक्री का आकार छोटा है। हालांकि पिछली कुछ तिमाहियों से सोने की मांग नरम रही है, इसके आयात में भी गिरावट आई है, लेकिन हमें उम्मीद है कि इस तिमाही में सोना अपनी चमक फिर से हासिल करेगा।"

उन्होंने कहा कि सोने की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें स्थिर रही हैं, लेकिन भारत में सोने की कीमतों में पिछले एक साल में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिसकी मुख्य वजह डॉलर के मुकाबले रुपये में आई कमजोरी है। गर्ग ने बताया कि ट्रैंडी ज्वैलरी (खासकर हल्की व खोखली ज्वैलरी) की मांग ज्यादा है, क्योंकि इससे ग्राहकों की जेब पर ज्यादा भार नहीं पड़ता है।

बाजार सूत्रों के मुताबिक देशभर में इस साल धनतेरस पर सोने की खरीदारी में पिछले साल के मुकाबले करीब 40 फीसदी की कमी आई है। दिल्ली के कुंदन ग्रुप के डायरेक्टर विदित गर्ग ने बताया कि इस बार धनतेरस पर सोने और चांदी के सिक्कों की काफी मांग रही, जिसके कारण उनकी बिक्री पिछले साल के मुकाबले बढ़ी है। गर्ग ने बताया, "बाजार में तरलता का अभाव होने के बावजूद सोने और चांदी की खरीदारी में इस बार लोगों की ज्यादा दिलचस्पी रही है। हमारी बिक्री पिछले साल के मुकाबले इस साल बढ़ी है।"

मुंबई ज्वेलर्स फेडरेशन के प्रेसिडेंट राकेश शेट्टी ने बताया, "हालांकि खरीदारों की भीड़ दिख रही है, लेकिन उम्मीदों के अनुरूप खरीदारी नहीं हो रही है। शुभ मुहूर्त को लेकर लोग खरीदारी कर रहे हैं, लेकिन महज पांच, 10 और 20 ग्राम सोने की खरीदारी ज्यादा हो रही है। बड़े आभूषण के प्रति खरीदारों की दिलचस्पी कम है।"

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के प्रबंध निदेशक पी. आर. सोमासुंदरम ने कहा कि उद्योग से मिली जानकारी के अनुसार खरीदार काफी तादाद में आ रहे हैं लेकिन मांग नरम है। उन्होंने कहा, "संगठित कारोबारी बेहतर कारोबार कर रहे हैं और डिजिटल वालेट, और ऑनलाइन खरीदारी में भी दिलचस्पी बढ़ रही है, हालांकि इसका आकार अपेक्षाकृत छोटा है।"

शाम 7.47 बजे घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने का दिसंबर अनुबंध 15 रुपये की गिरावट के साथ 31,735 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बना हुआ था। हालांकि इससे पहले के कारोबार में पिछले सत्र के मुकाबले कमजोरी के साथ 31,736 रुपये पर खुलने के बाद सोने का वायदा भाव 31,708 से लेकर 31,835 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा।

चांदी का भी दिसंबर वायदा अनुबंध एमसीएक्स पर 160 रुपये की कमजोरी के साथ 38,460 रुपये प्रति किलोग्राम पर बना हुआ था। इससे पहले 38,362 रुपये से लेकर 38,720 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार हुआ।

पटेल ने कहा, "दरअसल, लोगों के पास नकदी कम है और अन्य उद्योग व कारोबार में भी मंदी का महौल है। इसके कारण महंगी धातुओं की खरीदारी में लोगों की जो दिलचस्पी होती थी, वह नहीं है।"

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