भारतीय मूल के मशहूर ब्रिटिश अर्थशास्त्री और 'हाउस ऑफ लॉर्ड्स' के सदस्य लॉर्ड मेघनाद देसाई का निधन

पद्म भूषण से सम्मानित देसाई ने भारत-ब्रिटेन संबंधों को प्रगाढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे 1965 से 2003 तक लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) में अर्थशास्त्र पढ़ाते रहे। वह जून 1991 में ‘हाउस ऑफ लॉर्ड्स’ के सदस्य बनाए गए।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारतीय मूल के विख्यात ब्रिटिश अर्थशास्त्री और ‘हाउस ऑफ लॉर्ड्स’ के सदस्य लॉर्ड मेघनाद देसाई का मंगलवार को 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। परिवार के करीबी सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते उनका गुरुग्राम के एक अस्पताल में निधन हुआ।

‘हाउस ऑफ लॉर्ड्स’ में उनके सहकर्मी रामी रेंजर ने उन्हें समुदाय का एक ऐसा स्तंभ बताया, जिन्होंने अथक परिश्रम कर ब्रिटिश संसद में गांधी स्मारक प्रतिमा समेत कई उल्लेखनीय कार्यों में योगदान दिया। उन्होंने कहा, “मैंने उनके साथ मिलकर काम किया, उनकी बहुत याद आएगी। हम ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और उनके परिवार को इस क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं।”

पद्म भूषण से सम्मानित देसाई ने भारत-ब्रिटेन संबंधों को प्रगाढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे 1965 से 2003 तक लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) में अर्थशास्त्र पढ़ाते रहे। 1971 में वे लेबर पार्टी से जुड़े और जून 1991 में ‘हाउस ऑफ लॉर्ड्स’ के सदस्य बनाए गए।

उनका जन्म गुजरात में हुआ था। उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय (अब मुंबई) से स्नातकोत्तर किया और बाद में यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया से पीएचडी प्राप्त की।


वर्ष 1992 में उन्होंने LSE में 'सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ ग्लोबल गवर्नेंस' की स्थापना की। 1990 से 1995 तक वे LSE के डेवलपमेंट स्टडीज इंस्टीट्यूट के संस्थापक निदेशक भी रहे।

देसाई का शोध कार्य 50 वर्षों से अधिक तक फैला रहा। उन्होंने वैश्वीकरण, बाजार उदारीकरण, निजी क्षेत्र और राज्य के विकास, तथा मार्क्सवादी अर्थशास्त्र जैसे विषयों पर गहन अध्ययन किया।

एलएसई के प्रोफेसर, लेबर राजनेता और नेशनल सेक्युलर सोसाइटी के मानद सहयोगी के रूप में उन्होंने ब्रिटेन की अकादमिक और राजनीतिक दुनिया में गहरा प्रभाव छोड़ा। उनके निधन से शिक्षा, राजनीति और आर्थिक चिंतन के एक युग का अंत हो गया है।

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