किसानों की 2 मांगों पर झुकी सरकार, कृषि कानून और MSP पर नहीं बनी बात, 4 जनवरी को फिर बैठक

केंद्र सरकार द्वारा पारित 3 कृष‍ि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग लेकर पिछले 35 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र सरकार बुधवार को छठे दौर की वार्ता संपन्न हो गई है।

फोटो: IANS
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रवि प्रकाश @raviprakash24

केंद्र सरकार और किसानों के बीच आज छठे दौर की बैठक हुई। इस बैठक में भी कोई आखिरी फैसला नहीं हो सका, लेकिन 2 मुद्दों पर सहमति बनी है। बता दें कि मोदी सरकार द्वारा पारित 3 कृष‍ि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग लेकर किसान पिछले 35 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं। आंदोलन को खत्म करवाने के लिए किसानों और केंद्र सरकार के बीच बुधवार को छठे दौर की वार्ता संपन्न हो गई।

वार्ता संपन्न होने के बाद कृष‍ि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जानकारी देते हुए बाताया कि दोनों पक्षों के बीच दो मुद्दों पर सहमति बन गई है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों में प्रस्तावित बिजली कानून, पराली जलाने से संबंधित मुद्दों पर सहमति बनी। वहीं किसान नेता बलकरण सिंह बराड़ ने बताया कि सरकार और किसान यूनियनों के बीच अगले दौर की बैठक चार जनवरी को होगी। उन्होंने कहा कि आज की बैठक मुख्य रूप से बिजली और पराली जलाने के मुद्दे पर केंद्रित रही। अगली बैठक में एमएसपी गारंटी और तीन कृषि कानूनों पर बात होगी।


इससे पहले कि सरकार ने किसानों के साथ बैठक में कहा कि तीनों कृषि कानूनों से जुड़ी मांगों और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक समिति बनाई जा सकती है। सरकार ने बैठक में कानूनों से जुड़ी जानकारी विस्तार से दी और कहा कि कानून बनाने और वापस लेने की एक लंबी प्रक्रिया है।

किसान नेता बलविंदर सिंह ने कहा कि सरकार ने पराली और बिजली से जुड़ी दो मांगें मान ली हैं। सरकार इन दोनों से जुड़े प्रावधान वापस लेने को सहमत हो गई है। बाकी दो मांगें- कृषि कानून निरस्त करने और एमएसपी पर गारंटी पर 4 जनवरी को चर्चा होगी। आज की बैठक में जिन चार मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें दो मुद्दों का हल निकल गया है।


जिन 4 मुख्य मुद्दों पर बातचीत चली, वे हैं- 1. तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए। 2. एमएसपी को कानूनी जामा पहनाएं और 3. एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए बने कानून के तहत कार्रवाई के दायरे से किसानों को बाहर रखा जाए। 4. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे को वापस लिया जाए।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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