धारा 370 पर फारुख अब्दुल्ला ने दी सभी चुनावों के बहिष्कार की धमकी, केंद्र से रूख साफ करने को कहा

इससे पहले फारुख अब्दुल्ला राज्य में होने वाले पंचायत चुनावों के बहिष्कार का भी ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र को अनुच्छेद 35 ए और धारा 370 पर अपना रुख साफ करना चाहिए और जब तक ऐसा नहीं होता तब तक उनकी पार्टी चुनावों में हिस्सा नहीं लेगी।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

इन दिनों राजनीतिक संकट झेल रहे जम्मू-कश्मीर का सियासी पारा रोज बढ़ता ही जा रहा है। पंचायत चुनावों के बहिष्कार के ऐलान के एक दिन बाद नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने एक बार फिर से बड़ा आलान करपते हुए कहा है कि अगर केंद्र सरकार अनुच्छेद 35ए और धारा 370 पर अपना रुख साफ नहीं करती है तो उनकी पार्टी सिर्फ पंचायत चुनाव ही नहीं, बल्कि विधानसभा के साथ लोकसभा चुनावों का भी बहिष्कार करेगी। इससे पहले 5 सितंबर को फारुख अब्दुल्ला ने कहा था कि जब तक केंद्र सरकार अनुच्छेद 35ए पर अपना रुख साफ नहीं करती और राज्य में शांति की कोशिशों को आगे नहीं बढ़ाती है, तब तक उनकी पार्टी इन चुनावों में हिस्सा नहीं लेगी।

फारुख अब्दुल्ला ने श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए और घाटी में शांति के लिए भारत और पाकिस्तान की दोस्ती जरूरी है। उन्होंने कहा, “जब वाजपेयी जैसे आरएसएस के नेता बतौर प्रधानमंत्री पाकिस्तान जा सकते हैं और कह सकते हैं कि ‘वह भारत की जनता के नेता हैं और भारत, पाकिस्तान को एक देश के तौर पर स्वीकार करता है और उसके साथ दोस्ती करना चाहता है। अगर हम अपने पड़ोसी के दोस्त रहते हैं तो हम दोनों ही खुशहाल रहेंगे।’ तो मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री भी इस बारे में सोचेंगे और इस दिशा में काम करेंगे।”

फारुख अब्दुल्ला ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को उनकी पाकिस्तान यात्रा के लिए निशाना बनाए जाने के सवाल पर कहा कि जिस तरीके से मीडिया उन्हें निशाना बना रहा है, ये दिखाता है कि यही वो तत्व हैं जो नहीं चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार आए। भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में ऐसे लोग मौजूद हैं जो नहीं चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच में शांति स्थापित हो।

इससे पहले फारुख अब्दुल्ला के पंचायत चुनाव के बहिष्कार के ऐलान के बाद महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने भी अनुच्छेद 35ए का हवाला देते हुए पंचायत चुनावों के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। पीडीपी का कहना है कि मौजूदा हालात चुनावों के लिए उपयुक्त नहीं हैं और जब तक केंद्र सरकार अनुच्छेद 35ए पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करती, पीडीपी इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेगी। हालांकि, पंचायत चुनावों की तारीखों का अभी ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर में मतदान होने की संभावना है।

गौरतलब है कि अनुच्छेद 35 ए पर सुप्रीम कोर्ट में इन दिनों सुनवाई चल रही है। इसे लेकर राज्य में लगातार विरोध-प्रदर्शन भी हो रहा है। विरोध के दौरान अब तक कई बार राज्य में बंद बुलाया जा चुका है। सुनवाई के दौरान केंद्र ने राज्य में होने वाले पंचायत चुनावों का हवाला देते हुए सुनवाई आगे बढ़ाने के लिए कहा था, जिसे मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है।

बता दें कि अनुच्छेद 35 ए, जम्मू-कश्मीर को राज्य के रूप में विशेष अधिकार प्रदान करता है। यह अधिकार 'स्थायी निवासियों' से जुड़े हुए हैं। इसके तहत राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से राज्य में आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दे या नहीं दे।

14 मई 1954 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के एक आदेश के जरिये संविधान में एक नया अनुच्छेद 35ए जोड़ा गया था। यह धारा 370 का ही अंग है। इस धारा के अनुसार दूसरे राज्य का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में ना तो संपत्ति खरीद सकता है और ना ही वहां का स्थायी नागरिक बनकर रह सकता है।

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