शांति और एकता कायम करने में विशेष योगदान के लिए गोपालकृष्ण गांधी को 2017 का ‘राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार’

पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी को साल 2017 के ‘राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार’ से सम्मानित करने की घोषणा की गई। उन्हें शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने के लिए इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुना गया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी को सांप्रदायिक सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने में अहम योगदान के लिए साल 2017 के राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार के लिए चुना गया है। राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार की सलाहकार समिति ने 28 जुलाई को आयोजित बैठक में ये फैसला लिया। पुरस्कार से जुड़ी सलाहकार समिति के सदस्य सचिव मोतीलाल वोरा ने एक बयान में कहा कि सलाहकार समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि 24वां राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार राष्ट्रीय एकता, शान्ति और सौहार्द्र को बढ़ावा देने में अप्रतिम योगदान के लिये पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी को दिया जाएगा।

श्री गांधी को यह पुरस्कार 20 अगस्त को नई दिल्ली के जवाहर भवन में आयोजित एक विशेषे समारोह में प्रदान किया जाएगा। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार राष्ट्रीय एकता और शांति के क्षेत्र में योगदान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर प्रदान किया जाता है। इसे शांति, सांप्रदायिक सद्भाव के संवर्धन और हिंसा के खिलाफ लड़ाई में उनके दीर्घकालिक योगदान की याद में शुरू किया गया था। इसके तहत विजेता को पुरस्कार में एक प्रशस्ति-पत्र और 10 लाख रूपये की नकद राशि प्रदान की जाती है।

इससे पहले देश के जिन प्रतिष्ठित लोगों को राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार दिया गया, उनमें मदर टेरेसा, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, मोहम्मद यूनुस, हितेष्वर सैकिया और सुभद्रा जोषी (संयुक्त), लता मंगेशकर, सुनील दत्त, जगन्नाथ कौल, दिलीप कुमार, डॉ॰ (श्रीमती) कपिला वात्स्यायन, तीस्ता शीतलवाड और हर्ष मंदर (संयुक्त), एस.एन. सुब्बाराव, स्वामी अग्निवेष और मदारी मोईदीन (संयुक्त), के.आर. नारायणन, निर्मला देशपांडे, हेमदत्त, प्रो॰ एन. राधाकृष्णन, गौतम भाई, मौलाना वहीदुदीन खां, स्पिक मैके, डी.आर. मेहता, उस्ताद अमजद अली खान, मुजफ्फर अली और शुभा मुद्गल के नाम शामिल हैं।

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