कोरोना को लेकर 'सुप्रीम' चेतावनी- आगे हालात और भी हो सकते हैं खराब, दिल्ली और महाराष्ट्र से भी बुरे गुजरात के हाल

देश के कुछ राज्यों में बढ़ते कोरोना के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सोमवार को शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और असम से दो दिन में हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा है कि कोरोना के मौजूदा हालात से निपटने के लिए उन्होंने क्या उपाय किए हैं।

फोटो: IANS
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रवि प्रकाश @raviprakash24

कुछ राज्यों में कोरोना एक बार फिर से कोहराम मचा रहा है। दिल्ली, गुजरात असम समेत कई राज्यों में कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसी बीच कोरोना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त हो गया है। कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और असम से दो दिन में हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा है कि कोरोना के मौजूदा हालात से निपटने के लिए उन्होंने क्या उपाय किए हैं। उच्चतम न्यायालय ने कोरोना के मामले बढ़ने के बावजूद शादी और भीड़ वाले कार्यक्रम करने की इजाजत देने पर गुजरात सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि गुजरात में दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद सबसे खराब हालात हैं। अब इस मामले में अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।

शीर्ष अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि नवंबर में कोरोना के मामलों में भारी बढ़ोतरी की खबर है। ऐसे में हम राज्य ताजा स्टेटस रिपोर्ट चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोरोना से लड़ने की तैयारी ठीक से नहीं हुई तो दिसंबर में हालात और भी बदतर हो सकते हैं। दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के मरीजों का ठीक से इलाज नहीं होने और अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के शवों के साथ ठीक से व्यवहार नहीं किए जाने पर खुद नोटिस लिया है। मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच कर रही है। इनमें जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्‌डी और जस्टिस एमपी शाह शामिल हैं।


कोरोना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को फटकार भी लगाई है। जस्टिस शाह ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद गुजरात में शादी, समारोहों और दूसरे कार्यक्रमों की छूट दी गई। यहां दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद सबसे खराब हालात हैं। आपकी पॉलिसी क्या है? क्या हो रहा है? यह सब क्या है?

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के हालात को लेकर भी सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने कहा कि खबरों को मुताबिक दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में लॉबी और वेटिंग एरिया में शव पड़े थे। वार्ड में ज्यादातर बेड खाली थे, इसके बाद भी मरीज भटक रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र से भी जवाब मांगा है।

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Published: 23 Nov 2020, 5:45 PM