'हरियाणा सरकार हुई निरंकुश, लाठी के दम पर कुचले जा रहे लोगों के संवैधानिक अधिकार', कांग्रेस ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

कांग्रेस ने हरियाणा की खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, जनता को अपनी शिकायत और समस्या को उठाने पर लाठी और गोली का सामना करना पड़े तो सरकार को लोकतांत्रिक कहलाने का अधिकार नहीं है।

फोटो: धीरेंद्र अवस्थी
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धीरेन्द्र अवस्थी

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के नेतृत्व में हरियाणा कांग्रेस विधायकों ने ई-टेंडरिंग, बढ़ते भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और अपराध के खिलाफ राज्यपाल बंडारू दत्‍तात्रेय को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में इस बात का उल्लेख किया गया है कि जनता के प्रति बीजेपी-जेजेपी सरकार की हिंसक प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। चंद दिनों के भीतर सरकार ने पहले कर्मचारियों और फिर पंच-सरपंचों पर निर्दयतापूर्ण लाठीचार्ज किया। जबकि कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग और पंचायत प्रतिनिधि ई-टेंडरिंग के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। दोनों की मांग और प्रदर्शन पूरी तरह जायज और संवैधानिक थे। लेकिन सरकार ने उनके संवैधानिक अधिकारों को कुचलने के लिए निरंकुश रवैया अपनाया। जनता को अपनी शिकायत और समस्या को उठाने पर लाठी और गोली का सामना करना पड़े तो सरकार को लोकतांत्रिक कहलाने का अधिकार नहीं है। ज्ञापन में मांग की गई है कि सरकार जन प्रतिनिधियों से संवाद करके पंचायतों को उनके संवैधानिक अधिकार वापिस दे और उनपर दर्ज किए गए केस तुरंत वापस ले। 

इस मौके पर हुड्डा ने बताया कि 19 जनवरी 2023 को थोपी गई ई-टेंडरिंग इंस्ट्रक्शन हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 39, 40 और उसके तहत बनाए गए 1996 के नियमों में नियम नंबर 11 और 134 के प्रावधानों का उल्लंघन है। इसके बारे में पंजाब एवं उच्च न्यायालय द्वारा 2017 में निर्णय दिया जा चुका है। नियम स्पष्ट करते हैं कि पंचायतों के फंड के बारे में फैसला लेने का पूर्ण अधिकार पंचायत प्रतिनिधियों का है। कोई अधिकारी या ठेकेदार इनका अधिग्रहण नहीं कर सकता है। इसलिए सरकार द्वारा असंवैधानिक तौर पर थोपे गए नए प्रावधानों को खारिज किया जाए।


वहीं, चौधरी उदयभान ने कहा कि आज प्रदेश में कानून व्यवस्था का नामोनिशान मिट गया है। प्रदेश में ना कानून है और ना ही व्यवस्था। बीजेपी-जेजेपी सरकार में प्रदेशवासी खुद को आतंकित महसूस कर रहे हैं और अपराधी खुद को सुरक्षित और संरक्षित मान रहे हैं। केंद्र सरकार की सामाजिक प्रगति रिपोर्ट ने भी साफ किया है कि हरियाणा सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षा देने में तमाम सरकारों से फिसड्डी है। ज्ञापन में पिछले दिनों विधायकों को मिली धमकियों और भिवानी के लोहारू में 2 युवकों को जिंदा जलाने के मामलों का भी जिक्र किया गया है। प्रदेश में बढ़ते अपराध के चलते निजी निवेश नहीं आ रहा है। इसलिए बेरोजगारी लगातार नए आयाम छू रही है। 29.4 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ आज हरियाणा पूरे देश में टॉप पर है। हरियाणा में पूरे देश से 4 गुणा ज्यादा बेरोजगारी दर है। अपने भविष्य को लेकर आशंकित युवा अन्य राज्य व दूसरे देशों में पलायन के लिए मजबूर हैं। 

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि प्रदेश में बेरोजगारी और अपराध के साथ भ्रष्टाचार भी चरम पर है। आए दिन नए घोटाले सामने आते रहते हैं। सरकार एसआईटी के नाम पर तमाम मामलों में लीपापोती करके अपराधियों को बचा लेती है। कांग्रेस ने ई-टेंडरिंग, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और अपराध जैसे तमाम मुद्दों पर राज्यपाल से हस्तक्षेप कर सरकार को जरूरी निर्देश देने की मांग की है। 


राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने से पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में चौधरी उदयभान भी विशेष तौर पर मौजूद रहे। इसमें विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे चरण में उठाए जाने वाले मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन के मुद्दों के साथ कांग्रेस महंगाई, किसानों के मुआवजे, एमएसपी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली-पानी जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगी। पार्टी विधायकों ने चर्चा के लिए अलग-अलग मुद्दों पर 2 दर्जन से ज्यादा प्रस्ताव दिए हैं।   

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