कोरोना: चिंताजनक होती जा रही है देश की स्थिति! निगरानी में करीब 10 लाख लोग, पिछले 24 घंटे में 1684 नए केस

भारत में कोरोना के बढ़ते मामले के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि उसकी मजबूत निगरानी प्रणाली देशभर में लगभग 9.45 लाख कोविड-19 संदिग्धों की बारीकी से निगरानी कर रही है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

देश ही नहीं दुनिया भर में कोरोना वायरस को काबू में करने के लिए कोशिश की जा रही है। विश्वभर से अबतक 27 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हैं, वहीं इस महामारी से मरने वालों की संख्या करीब 1.50 लाख से ज्यादा है। इसके अलावा इस वायरस से 7 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। भारत में भी इस वायरस के मामले दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं। भारत में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा इस वायरस से लोग संक्रमित है। मरनेवालों की संख्या भी इसी राज्य में सबसे ज्यादा है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसकी मजबूत निगरानी प्रणाली देशभर में लगभग 9.45 लाख कोविड-19 संदिग्धों की बारीकी से निगरानी कर रही है। मंत्रालय ने कहा कि विदेश से संक्रमण के प्रसारण को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को रोकना शुरू कर दिया गया है। वहीं राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन सहित कोरोनावायरस के संचरण की आंतरिक श्रृंखला को रोकने के लिए चरणबद्ध कदम उठाए जा रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में कुल पुष्टि किए गए मामलों की संख्या सोमवार को 23,077 थी, जबकि 723 लोग अब तक इस खूंखार वायरस के शिकार हो चुके हैं। अब तक 4,748 लोग ठीक हो चुके हैं और देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 17,610 है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, "पिछले 24 घंटों में कुल 1,684 नए मामले आए, जबकि इसी अवधि में 491 लोग ठीक हुए। कोरोनोवायरस रोगियों के ठीक होने की दर 20.75 प्रतिशत है। वहीं पिछले 14 दिनों में 80 जिलों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है।"


नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के एक अधिकारी ने कहा है कि 9.45 लाख संदिग्ध मामले या तो क्वारंटीन में हैं या घर में ही आइसोलेशन में रह रहे हैं और उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अधिकारी ने कहा, "मौजूदा समय में लगभग 9.45 लाख लोग निगरानी नेटवर्क के तहत निगरानी में हैं। शीघ्र ही इन लोगों के नमूने लेने का काम किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि निगरानी नेटवर्क जिला स्तर पर भी स्थापित किए गए हैं, ताकि क्लस्टर सर्वेक्षण योजना के तहत घरेलू सर्वेक्षण, संगरोध और अलगाव किया जाए। अधिकारी ने कहा, "भारत में पहले कोविड -19 मामले के सामने आने से पहले ही हमारे निगरानी तंत्र को काम में लगा दिया गया था। इसने संक्रमण को फैलाने से रोकने में हमारी मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।"

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन लागू करने का निर्णय सही समय पर लिया गया था, जो कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में प्रभावी रहा है। एम्पॉवर्ड ग्रुप 1 के अध्यक्ष वी.के.पॉल कहा है कि यदि लॉकडाउन नहीं लगाया जाता तो कोविड-19 के मामलों की अनुमानित संख्या 1 लाख होती। पॉल ने कहा, "कोरोनोवायरस मामलों की दोगुनी दर अब 10 दिनों के करीब है (मार्च में यह 3 दिन थी) और ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि देश ने इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए अपने व्यवहार में बदलाव लाया है।" "हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि लॉकडाउन कोविड-19 की दोहरी दर को धीमा करने में प्रभावी रहा है, जिससे कई लोगों की जान बच गई।"

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