बीजेपी शासित हिमाचल में अब दीवारों पर दिखने लगे हैं नारे, ‘गली-गली में शोर है, देश का पीएम #@*$ है’
इस महीने सिरमौर के नाहन, बिलासपुर, मंडी के सुंदरनगर और शिमला में प्रधानमंत्री के खिलाफ दीवारों पर टिप्पणियां लिखी दिखाई दी हैं। इसके अलावा कांगड़ा और राज्य की अन्य जगहों से भी ऐसी खबरें हैं, लेकिन पुलिस में इनकी रिपोर्ट नहीं हुई है।
हिमाचल प्रदेश के तकरीबन आधा दर्जन शहरों में अक्टूबर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दीवारों पर लिखी गई टिप्पणियां सरकार से जनता के होते मोहभंग का संकेत हैं। महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त जनता की परेशानियां प्रदेश की अनुभवहीन सरकार ने और बढ़ा दी हैं। बीजेपी के वर्तमान सत्ता प्रतिष्ठान का ताना-बाना कुछ इस तरह बुना गया है कि सब कुछ प्रधानमंत्री के इर्द-गिर्द ही घूमता नजर आता है। नतीजतन, बेशक राज्य में बीजेपी की सरकार बने हुए तकरीबन एक साल होने को है, लेकिन चेहरा आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार में राज्य से किए गए वादे आज भी जमीन पर उतरने के इंतजार में हैं।
इस महीने सिरमौर के नाहन, बिलासपुर, मंडी के सुंदरनगर और शिमला में प्रधानमंत्री के खिलाफ दीवारों पर टिप्पणियां लिखी दिखाई दी हैं। इसके अलावा कांगड़ा और राज्य की अन्य जगहों से भी ऐसी खबरें हैं, लेकिन पुलिस में इनकी रिपोर्ट नहीं हुई है। नाहन को लेकर तो प्रदेश युवा कांग्रेस के पदाधिकारी ओपी ठाकुर के खिलाफ देशद्रोह (धारा 124ए ) का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में इसके विरोध में बवाल हुआ तो ओपी ठाकुर के खिलाफ लगी देशद्रोह की धारा हटा दी गई। इस मामले में पुलिस की किरकिरी भी हुई। हिमाचल में बीजेपी की सरकार बने हुए करीब एक साल होने को है, जिसका शानदार जश्न बनाने की तैयारी चल रही है। पर, सवाल यह है कि इस एक साल में सरकार के पास उपलब्धि के नाम पर कहने के लिए कुछ नहीं है। जनता बेरोगारी और महंगाई से त्रस्त है। केंद्र और प्रदेश सरकार के वादों की मार अलग से है, जो आज तक जमीन पर नहीं उतरीं।
अनौपचारिक तौर पर राज्य में 20 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवा हैं, जिन्हें एक अदद नौकरी की तलाश है। नौकरी तो दूर सरकार ने तो युवाओं को मिल रहा है बेरोजगारी भत्ता भी बंद कर दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य में 69 राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का ऐलान किया था। जमीन पर आज तक एक भी नहीं उतर पाया। यदि यह बन जाते तो इनसे भी रोजगार और राज्य की आर्थिक प्रगति होती। उना में आयुध फैक्ट्री की बनाने की बात थी, जिसमें भी कुछ नहीं हुआ। बिलासपुर में एम्स बनाने का वादा था, लेकिन आज तक एक ईंट नहीं रखी गई। निचले हिमाचल की प्राण वायु माने जाने वाले पठानकोट-मंडी हाइवे को चार-मार्गीय बनाने की बात थी, लेकिन आज तक शुरुआत तक नहीं हो पाई है। पर्यटन को बढ़ाने के लिए पठानकोट-जोगिंदर नगर रेलवे लाइन को ब्रॉड गेज में बदला जाना था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय का मामला भी अभी आधा-अधूरा है। मंडी के द्रंग में सेंधा नमक की खान है। यहां के नमक को अमेरिका में बेचने की बात थी, जिससे लोगों की उम्मीदें जग गई थीं। अब कोई इसका नामलेवा भी नहीं है। राज्य में धर्मशाला और शिमला को स्मार्ट सिटी बनाने का जुमला तो दे दिया गया, लेकिन इसके नाम पर शायद ही कोई पत्थर तक लगा हो। फेहरिस्त बहुत लंबी है।
मंडी के वरिष्ठ पत्रकार विनोद भावुक का कहना है कि सरकार के पास बताने के लिए उपलब्धियां नहीं हैं। 2014 लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल की जनता से ढेरों वादे किए गए थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जनता एक तरीके से उकता गई है। प्रधानमंत्री के खिलाफ दीवारों पर लिखे नारे जनता की निराशा की वजह से भी हो सकते हैं। सरकार में अंदर खाने कलह भी चरम पर बताई जा रही है। विधानसभा चुनाव में तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल प्रदेश का चेहरा थे, लेकिन वह हार गए और मुख्यमंत्री की कुर्सी जयराम ठाकुर को मिल गई। धूमल की हार को लेकर भी कहानियां हैं। जयराम ठाकुर को कुर्सी तो मिल गई, लेकिन वह अभी तक एक तरह से अनुभवहीन ही साबित हुए हैं।
मंडी के ही वरिष्ठ वकील लवण ठाकुर का कहना है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री ने हिमाचल के लोगों की उम्मीदें जगाई थीं, लेकिन वह उम्मीदें ही रह गईं। जनता में सरकार के खिलाफ नाराजगी है। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से हिमाचल के लोग परेशान हैं।
धर्मशाला के कारोबारी अरविंद पुरी ने कहा कि लोगों को जो सपने दिखाए गए थे, वे टूट गए हैं। हिमाचल के लोगों का प्रतिक्रिया देने का अपना तरीका है। वह खामोशी से सत्ता के बदलाव में भरोसा रखते हैं। इसीलिए लोग यहां हर अगले चुनाव में सत्ता बदल देते हैं। हालांकि, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां कांग्रेस के लोग ही लिख रहे हैं, लेकिन प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केशव नायक इसे राज्य और केंद्र की सरकार से परेशान जनता की अभिव्यक्ति बता रहे हैं।
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