इस अपमान को कैसे स्वीकार किया गया? मुत्तकी की PC में महिला पत्रकारों की गैर मौजूदगी पर प्रियंका का PM मोदी से सवाल
तालिबान शासन को अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों को प्रतिबंधित करने के लिए विभिन्न देशों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक संस्थाओं की ओर से भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के संवाददाता सम्मेलन में महिला पत्रकारों की गैर मौजूदगी को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और उनसे इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि यह महिला पत्रकारों का अपमान है।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री इन दिनों भारत के दौरे पर हैं। मुत्तकी ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक वार्ता करने के कुछ घंटों बाद संवाददाता सम्मेलन किया।
प्रियंका गांधी का पीएम मोदी से सवाल
प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कृपया भारत दौरे पर आए तालिबान के प्रतिनिधि के संवाददाता सम्मेलन से महिला पत्रकारों को दूर रखे जाने पर अपना रुख स्पष्ट करें।’’
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘यदि महिलाओं के अधिकारों की आपकी स्वीकृति केवल चुनावों के बीच का दिखावा नहीं है, तो हमारे देश में जो अपनी महिलाओं को अपनी रीढ़ और गर्व मानता है, इस अपमान को कैसे स्वीकार किया गया?’’
मुत्तकी के संवाददाता सम्मेलन में कोई महिला पत्रकार नहीं
दरअसल, शुक्रवार को मुत्तकी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक वार्ता करने के कुछ घंटों बाद नई दिल्ली स्थित अफगान दूतावास में संवाददाता सम्मेलन किया। मुत्तकी द्वारा संबोधित इस संवाददाता सम्मेलन में केवल कुछ ही पत्रकारों की भागीदारी देखी गई, जबकि महिला पत्रकार अनुपस्थित रहीं।
ऐसा माना जा रहा है कि मीडिया वार्ता में पत्रकारों को आमंत्रित करने का निर्णय विदेश मंत्री के साथ आए तालिबान अधिकारियों द्वारा लिया गया था।
क्या बोले मुत्तकी?
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय पक्ष ने अफगान दल को सुझाव दिया था कि इस कार्यक्रम में महिला पत्रकारों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए।
तालिबान शासन को अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों को प्रतिबंधित करने के लिए विभिन्न देशों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक संस्थाओं की ओर से भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है।
मुत्तकी ने अफगानिस्तान में महिलाओं की दुर्दशा पर पूछे गए सीधे सवाल को टाल दिया, लेकिन कहा कि हर देश के अपने रीति-रिवाज, कानून और सिद्धांत होते हैं और उनका सम्मान होना चाहिए।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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