छत्तीसगढ़ पुलिस ने जब्त की आयकर विभाग की 20 गाड़ियां, बघेल बोले- राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने नो पार्किंग स्थल पर खड़े वाहनों को जब्त किया है। जब्त किए गए वाहनों में 20 वाहन वे हैं जिनका उपयोग आयकर विभाग कर रहा था, जिसने गुरुवार को महापौर एजाज ढेबर सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के यहां छापे मारे थे।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने नो पार्किंग स्थल पर खड़े वाहनों को जब्त किया है। जब्त किए गए वाहनों में 20 वाहन वे हैं जिनका उपयोग आयकर विभाग कर रहा था, जिसने गुरुवार को महापौर एजाज ढेबर सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के यहां छापे मारे थे। पुलिस टीम ने गुरुवार-शुक्रवार की देर रात सड़क पर खड़ी गाड़ियों को जब्त कर लिया और उन्हें पुलिस लाइन ले जाया गया।
बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने भिलाई से गाड़ियों को मंगाया गया था, यह गाड़ियां गुरुवार को आयकर विभाग के दल को मुहैया कराई गई थी। राज्य सरकार के मंत्री अमरजीत भगत ने आयकर विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “यह कार्रवाई राज्य सरकार को बदनाम करने के मकसद से की जा रही है।”
वहीं इस कार्रवाई पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर राज्य सरकार को अस्थिर करने की साजिश का आरोप लगाया है। आयकर विभाग के दस्ते ने गुरुवार को महापौर एजाज ढेबर, रेरा के अध्यक्ष विवेक ढांढ, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा सहित कई स्थानों पर गुरुवार को सर्वे की कार्रवाई शुरू की थी। उसके बाद शुक्रवार को भी राज्य के अधिकारी के यहां आयकर ने छापे मारे।
इन छापों पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने मंत्रिमंडल के साथ साथियों के साथ राजभवन पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। इसमें संघीय ढांचे को कमजोर करने और छत्तीसगढ़ की सरकार को अस्थिर करने की साजिश बताया है।
राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि मीडिया से जानकारी मिली है कि गुरुवार को रायपुर में कथित तौर पर आयकर के छापे पड़े हैं। आज भी आयकर की कथित टीमें कुछ और अधिकारियों के निवास पर पहुंची, इनमें कुछ मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ अधिकारी भी है। जिस तरह केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ कार्रवाई की जा रही है यह छत्तीसगढ़ सरकार पर राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित सीधे हमले की तरह प्रतीत होती है।
आगे कहा गया है कि विडंबना है कि छत्तीसगढ़ सरकार को अभी तक सूचना भी नहीं दी गई है कौन सी एजेंसी छापा डाल रही है। सरकार की बिना अनुमति अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप है। यह दबाव बनाने के कार्रवाई की तरह दिखती है।
मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल की ओर से राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि दर्ज किए जा रहे हैं। इससे बौखलाकर केंद्र की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश कर रही है। इससे पूरे प्रदेष में भय और आतंक का माहौल बन गया है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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