'चीन से लगी सीमा पर भारत ने 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट्स पर खोया अधिकार', कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछे ये तीन सवाल

पवन खेड़ा ने कहा कि, पीएलए ने सबसे ऊंची चोटियों पर अपने बेहतरीन कैमरे लगाकर बफर क्षेत्रों का लाभ उठाया है। चीन की सेना, भारतीय बलों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। ये डीस्केलेशन वार्ता का उल्लंघन है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान लद्दाख में एलएसी पर 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट गंवाने का आरोप लगाते हुए संसद में चर्चा की मांग की। पार्टी ने आरोप लगाया कि 17 दौर की बातचीत के बाद भी यथास्थिति बहाल नहीं की जा सकी। डीजीपी-आईजीपी के तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन का हवाला देते हुए, जिसमें सुरक्षा शोध पत्र प्रस्तुत किया गया था, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस क्षेत्र में भारत के क्षेत्र में चीन के अवैध कब्जे के प्रति मोदी सरकार की उदासीनता के बारे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, पार्टी के मीडिया अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा, भारत ने 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स में से 26 तक पहुंच खो दी, जो कि मई 2020 से पहले नहीं था, और बाद में गालवान संघर्ष में 20 बहादुरों ने अपने प्राणों की आहुति दी।

उन्होंने कहा वर्तमान में काराकोरम र्दे से लेकर चुमुर तक 65 पीपी हैं, जिन्हें आईएसएफ (भारतीय सुरक्षा बल) द्वारा नियमित रूप से गश्त किया जाना है। 65 पीपी में से, 26 पीपी में हमारी उपस्थिति खत्म हो गई है। नंबर 5-17, 24-32, 37, 51,52,62) में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा गश्त नहीं की जा रही। चीन हमें इस तथ्य को स्वीकार करने के लिए मजबूर करता है कि इन क्षेत्रों में लंबे समय से भारतीय सैनिकों या नागरिकों की उपस्थिति नहीं है, बल्कि इन क्षेत्रों में चीनी मौजूद थे।


उन्होंने कहा कि पीएलए ने इस डी-एस्केलेशन वार्ता में बफर क्षेत्रों का लाभ उठाया है और सबसे ऊंची चोटियों पर अपने बेहतरीन कैमरे लगाए हैं और भारतीय बलों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। यह अजीबोगरीब स्थिति चुशुल में ब्लैक टॉप, हेलमेट टॉप पहाड़ों, डेमचोक, काकजंग, हॉट स्प्रिंग्स में गोगरा हिल्स और चिप चिप नदी के पास देपसांग मैदानों में देखी जा सकती है।

पवन खेड़ा ने चीन के मुद्दे पर मोदी सरकार से तीन सावल भी किए। उन्होंने पूछा- 1. सैन्य बातचीत के 17 राउंड के बाद भी यथास्थिति बहाल क्यों नहीं हुई? 2. क्या मोदी सरकार देश को यह बताएगी कि भारत के आधिकारिक भू-भाग में चीन कितना अंदर आ चुका है? 3. क्या मोदी सरकार आगामी संसद सत्र में चीन पर चर्चा होने देगी?

रिसर्च पेपर में कहा गया है कि सितंबर 2021 तक, जिला प्रशासन और सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी डीबीओ सेक्टर में काराकोरम दर्रे (दौलत बेग ओल्डी से 35 किमी) तक आसानी से गश्त कर रहे थे।, हालांकि, दिसंबर 2021 में भारतीय सेना द्वारा डीबीओ पर चेक पोस्ट के रूप में स्वतः प्रतिबंध लगाए गये थे, जिससे काराकोरम पास तक जाने की रोक लग जाए।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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