जिस हेलीकॉप्टर की मदद से अमेरिका ने ओसामा को मारा, वो भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल, जानिए क्या है खासियत

प्राकृतिक आपदाओं के समय चिनूक हेलीकॉप्टर ज्यादा से ज्यादा राहत सामग्री ले जाने और ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को सुरक्षित जगह पहुंचाने में सक्षम है। दुनिया के कई देशों में अलग-अलग भौगोलिक परिस्थितियों में चिनूक अपना काम बखूबी कर रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारतीय वायुसेना ने अपनी ताकत को और बढ़ाते हुए अपने बेड़े में चिनूक हेलीकॉप्टर को शामिल कर लिया है। अमेरिकन कंपनी बोईंग द्वारा बनाए गए चिनूक सीएच47एफ को चंडीगढ़ में एक इंडक्शन समारोह के दौरान वायुसेना में शामिल किया गया है। चीफ एयर मार्शल बीएस धनोआ ने समारोह के दौरान कहा कि देश कई सुरक्षा चुनौतियों से गुजरता है, हमें अलग अलग इलाकों से लोगों और सामान को उठाने वाले साधन की जरुरत है। इसके अलावा धनोआ ने कहा कि भारत को चिनूक मिला है और यह देश की संपत्ति है

ये हैं खासियत

एंडवांस्ड मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर सीएच47एफ चिनूक रात और दिन दोनों ही समय भारी से भारी सैन्य सामान लाने और ले जाने में सक्षम है। जिसकी वजह से भारतीय वायुसेना को मजबूती मिलेगी।

आधुनिक तकनीक से लैस इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल अमेरिका जैसे कई शक्तिशाली देश भी करते हैं। पूरी तरह से इंटीग्रेटेड, डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम, कॉमन एविएशन आर्किटेक्चर कॉकपिट और एडवांस्ड कार्गो-हैंडलिंग क्षमताओं वाला चिनूक हेलीकॉप्टर, मिशन के दौरान अपने प्रदर्शन और हैंडलिंग के लिहाज से बेहतरीन विमान है।

प्राकृतिक आपदाओं के समय यह विमान ज्यादा से ज्यादा राहत सामग्री ले जाने और ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को सुरक्षित जगह पहुंचाने में सक्षम है। दुनिया के कई देशों में अलग-अलग भौगोलिक परिस्थितियों में चिनूक अपना काम बखूबी कर रहा है।

बता दें कि चिनूक वही हेलीकॉप्टर है, जिसका इस्तेमाल अमेरिका ने साल 2011 में अलकायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारने में किया था। साल 2018 में बोइंग विमान के उपाध्यक्ष और जनरल मैनेजर ने कहा था, 'तटीय ऑपरेशन से लेकर काफी ऊंचाई वाले पर्वतीय मिशनों तक, ये विमान भारतीय सशस्त्र बलों के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”

भारत सरकार ने साल 2015 में अमेरिका की बोईंग कंपनी को कुल 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दिया था, जिसमें से चार हेलीकॉप्टर फरवरी में भारत पहुंचे थे और आज चंडीगढ़ में एक इंडक्शन समारोह के दौरान वायुसेना ने इसे अपने विमानों के बेड़े में शामिल कर लिया है।

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