CAA पर भारतीय मीडिया खामोश, लेकिन वर्ल्ड मीडिया में उठ रहे तीखे सवाल

देश की मीडिया में नागरिकता कानून के विरोध को लेकर खामोशी पसरी है। लेकिन वर्ल्ड मीडिया से मोदी सरकार के नागरिकता कानून पर लगातार तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह लगातार इस कानून और मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे भारत के अलग-अलग शहरों में तीखा विरोध-प्रदर्शन जारी है। कई जगहों पर इस दौरान हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की। लेकिन इस सब के बीच देश की मीडिया में इस मुद्दे के विरोध को लेकर गहरी खामोशी पसरी है। लेकिन वर्ल्ड मीडिया में मोदी सरकार के नागरिकता कानून को लेकर लगातार तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह लगातार इस कानून और मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं।

इसी सिलसिले में न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख प्रकाशित हुआ है, जिसमें भारत के नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि देश में कुल जनसंख्या के 14 प्रतिशत मुसलमान इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं। लेख में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के गृहमंत्री अमित शाह मुसलमानों को हाशिये पर पहुंचाकर भारत को हिंदू राष्ट्र में तब्दील करना चाहते हैं।

लेख में कहा गया है कि भारत की हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी बीजेपी ने यह कानून बीते हफ्ते पास कराया है। यह नागरिकता कानून भारतीय लोकतंत्र पर एक धब्बा है, जिसका भारत की विपक्षी पार्टियों द्वारा तीखा विरोध हो रहा है, लोग भी सड़कों पर उतरकर इस कानून का जमकर विरोध कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार अपने फैसले पर दृढ़ बनी हुई है। लेख में संभावना जताई गई है कि इस नागरिकता कानून को लागू करने पर भारत का सुप्रीम कोर्ट रोक लगा सकत है, जहां जनवरी में इस पर सुनवाई शुरू होगी।

न्यूयॉर्क टाइम्स के लेख में अनुच्छेद-370 हटाकर जम्मू और कश्मीर के विभाजन का जिक्र करते हुए कहा गया है कि मोदी सरकार ने बीते दिनों मुस्लिम बहुमत कश्मीर से उसके विशेषाधिकार छीन लिए थे और इंटरनेट सेवाएं बंद कर वहां के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया था। जो अब तक हिरासत में हैं। लेख में असम में एनआरसी के कार्यान्वयन का जिक्र भी किया गया है, जिससे 19 लाख लोगों को बाहर रखा गया है, जिनमें अधिकतर मुस्लिम हैं। एनआरसी से बाहर रहने वाले इन लोगों के लिए सरकार डिटेंशन सेंटर बनवा रही है। लेख के अनुसार अब मोदी सरकार एनआरसी को पूरे देश में लागू करना चाहती है। लेख में गुजरात दंगों का भी जिक्र है।

न्यूयॉर्क टाइम्स के इस लेख में महात्मा गांधी और पंडित नेहरू का जिक्र किया गया है। इसके अनुसार गांधी और नेहरू ने भारत को एक सेक्यूलर और लोकतांत्रित देश बनाया, जिसमें सभी आस्थाओं के लोग रहते हैं। लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से इसमें बदलाव शुरू हो गया है। इसके लिए इतिहास की किताबों को फिर से लिखा जा रहा है और उनमें मुस्लिम बादशाहों और नेताओं को बाहर रखा जा रहा है। लेख में भारत में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं का भी जिक्र है।

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