कुलभूषण जाधव से पाकिस्तान में मिले भारतीय अधिकारी, जानें क्या है कॉन्सुलर एक्सेस

भारतीय डिप्टी-हाई-कमिश्नर गौरव अहलूवालिया ने सोमवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान की हिरासत में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से मुलाकात की। यह पहली बार है जब किसी भारतीय राजनयिक को जाधव तक कांसुलर एक्सेस की अनुमति दी गई।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से सोमवार को इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने मुलाकात की। ये मुलाकात कहां हुई, इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि, पहले कहा गया था कि ये मुलाकात पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय (इस्लामाबाद) में होगी। बता दें कि अब जब पाकिस्तान को इस केस में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी थी, उसके बाद वह एक्सेस देने पर मजबूर हुआ है। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले के बाद ही कुलभूषण जाधव को मिली फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई थी।

इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तानी जेल में बंद कुलभूषण जाधव को सोमवार को कॉन्सुलर संबंधों पर वियाना कन्वेंशन, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप प्रदान कॉन्सुलर एक्सेस दिया जाएगा।


पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा था कि 49 साल के जाधव को राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई जा रही है।

बता दें कि जुलाई में हेग स्थित अदालत ने पाकिस्तान को भारत को बिना किसी देरी के जाधव तक राजनयिक पहुंच देने का आदेश दिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पत्रकारों से कहा था कि हम राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तानी पक्ष के संपर्क में है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश के आधार पर, हमने तत्काल, प्रभावी और अबाधित राजनयिक पहुंच देने को कहा गया है। उन्होंने कहा था कि देखते हैं कि पाकिस्तान के पक्ष से हमें कैसी प्रतिक्रिया मिलती है।


बता दें कि भारतीय नौसेना के 49 साल के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की एक फौजी अदालत ने ‘जासूसी और आतंकवाद’ के इल्ज़ाम में अप्रैल 2017 में मौत की सज़ा सुनाई थी। भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यापारिक उद्देश्य से गये थे और उन पर गलत आरोप लगाये गये हैं। इसके बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख किया था।

क्या है कॉन्सुलर एक्सेस?

कॉन्सुलर एक्सेस का मतलब है कि जिस देश का कैदी है उस देश के राजनयिक या अधिकारी को जेल में बंद कैदी से मिलने की इजाजत दी जाए। कॉन्सुलर एक्सेस का कंसेप्ट 1963 में हुए वियना कन्वेंशन में आया था। ये वो दौर था। जब सोवियत रूस और अमेरिका के जासूस एक-दूसरों के मुल्कों जासूसी करते थे।

कौन है गौरव गौरव अहलूवालिया

गौरव अहलूवालिया भारतीय विदेश सेवा के 2005 बैच के अधिकारी हैं। इससे पहले वह विदेश मंत्रालय के उप सचिव रह चुके हैं।

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