वन्यजीव संरक्षण के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता, इंदिरा गांधी की प्रेरक विरासत, इस पर सभी को होना चाहिए गर्व: राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि "हमें उस रास्ते पर आगे बढ़ना जारी रखना चाहिए और प्रकृति को उसके सभी वैभव में सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए कदम उठाने चाहिए। यह हमारी राष्ट्रीय विरासत है, जिस पर हम सभी को गर्व होना चाहिए।"

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर कहा, 'प्रोजेक्ट टाइगर' वन्यजीव संरक्षण के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रेरक विरासत को एक शानदार श्रद्धांजलि है।

उन्होंने कहा "यह महत्वाकांक्षी परियोजना 50 साल पहले भारत के राष्ट्रीय पशु-शानदार बाघ की घटती आबादी की रक्षा के लिए शुरू की गई थी। पांच दशक बाद, परियोजना की जबरदस्त सफलता भारत के पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने और प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने का प्रयास करने के हमारे लोगों के सामूहिक संकल्प का प्रमाण है।"

यही दृढ़ संकल्प 2005 में भी परिलक्षित हुआ जब यूपीए सरकार द्वारा पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बाघ संरक्षण की दिशा में भारत के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए एक 'टाइगर टास्क फोर्स' का गठन किया गया।

राहुल गांधी ने कहा कि "हमें उस रास्ते पर आगे बढ़ना जारी रखना चाहिए और प्रकृति को उसके सभी वैभव में सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए कदम उठाने चाहिए। यह हमारी राष्ट्रीय विरासत है, जिस पर हम सभी को गर्व होना चाहिए।"

वन्यजीव संरक्षण के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता, इंदिरा गांधी की प्रेरक विरासत, इस पर सभी को होना चाहिए गर्व: राहुल

गौरतलब है कि 1 अप्रैल को ही 1973 में इंदिरा गांधी ने प्रोजेक्ट टाइगर की शुरूआत की थी। देश हजारों बाघों की संख्या थी लेकिन 1972 आते-आते 1800 के करीब ही बाघ बचे थे। यह देशव्यापी प्रोजेक्ट बाघों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए शुरू किया गया था। इसका जबर्दस्त फायदा हुआ और 1973 के बाद धीरे-धीरे टाइगर की आबादी बढ़ने लगी।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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