ISRO ने लगाया ‘लैंडर विक्रम’ का पता, इसरो चीफ ने बयान जारी कर चंद्रयान-2 के बारे में दी ये बड़ी जानकारी

लैंडर विक्रम लैंडिंग वाली तय जगह से करीब 500 मीटर की दूरी पर देखा गया है। इसरो वैज्ञानिकों द्वारा लैंडर के विफल होने की वजहों का पता लगाया जा रहा है। इसके अलावा वैज्ञानिक लगातार रोवर से कम्युनिकेशन स्टार्ट करने की भी कोशिश में लगे हुए हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

चंद्रयान-2 के चंद्रमा पर लैंड करने से पहले विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बाद ISRO चीफ ने नई जानकारी दी है। उन्होंने कहा, “हमें लैंडर विक्रम की लोकेशन का पता लगा है। ऑर्बिटर में लगे हाई रेसोल्यूशन कैमरे ने लैंडर की एक थर्मल इमेज खींची है। हालांकि अभी तक लैंडर से किसी भी तरह का संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है। हम लगातार उससे संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द ही इस बारे में जानकारी दी जाएगी।”

जानकारी के मुताबिक लैंडर विक्रम लैंडिंग वाली तय जगह से करीब 500 मीटर की दूरी पर देखा गया है। इसरो वैज्ञानिकों द्वारा लैंडर के विफल होने की वजहों का पता लगाया जा रहा है। इसके अलावा वैज्ञानिक लगातार रोवर से कम्युनिकेशन स्टार्ट करने की भी कोशिश में लगे हुए हैं।

बता दें कि शनिवार देर रात को अपने अंतिम चरण से गुजरते हुए चांद पर लैंड करने से महज़ 2 किलोमीटर की दूरी पर चंद्रयान-2 और इसरो के बीच संपर्क टूट गया था। इसरो मुख्यालय में मौजूद पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि निराश न हों, उतार-चढ़ाव जीवन का अंग है। चंद्रयान की विफलता के बाद इसरो प्रमुख के सिवन फूट-फूटकर रोने लगे थे, जिसके बाद पीएम मोदी ने उन्हें गले लगाकर उनका हौसला बढ़ाया था।


चंद्रयान-2 को आन्ध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा स्थित ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (ISRO) से 22 जुलाई को लांच किया गया था, जिसके लगभग डेढ़ महीने बाद कई चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कराते हुए इसरो वैज्ञानिकों ने ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम को अलग कराया था। शनिवार देर रात अपने तय लैंडिंग समय से महज कुछ ही मिनट पहले इसरो के कंट्रोल रूम और लैंडर के बीच संपर्क टूट गया था।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia