आयकर विभाग के निशाने पर शशिकला, जयललिता के घर पोएस गार्डन पर छापेमारी के बाद समर्थकों में नाराजगी
पोएस गार्डन में छापेमारी की खबर सुनते ही बड़ी संख्या में अन्नाद्रमुक के समर्थकों ने सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए भीतर घुसने की कोशिश की। पुलिस ने बेकाबू एक दर्जन समर्थकों को हिरासत में ले लिया।
एआईएडीएमके की निलंबित नेता शशिकला लगातार आयकर विभाग के निशाने पर हैं। आयकर विभाग के अधिकारियों ने 17 नवंबर की रात को तमिलनाडू की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जयललिता के निवास पोएस गार्डन पर छापेमारी की। जेल जाने से पहले शशिकला वहीं रहा करती थीं।
आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये कार्रवाई छापेमारी की नहीं थी केवल पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के करीबी पूनगुंदरन के कमरे की तलाशी ली गई और लैपटॉप, पेन ड्राइव और डेस्कटॉप को जब्त किया गया है।
पोएस गार्डन में छापेमारी की खबर सुनते ही बड़ी संख्या में अन्नाद्रमुक के समर्थकों ने सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए भीतर घुसने की कोशिश की, लेकिन वहां तैनात पुलिस अधिकारियों ने अन्नाद्रमुक के समर्थकों को पोएस गार्डन के बाहर ही रोक दिया। इस दौरान एक दर्जन समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इनमें से एक ने तो आत्मदाह तक की चेतावनी दी थी।
अन्नाद्रमुक से निलंबित और शशिकला खेमे के नेता टीटीवी दिनाकरन ने ट्वीट कर इस छापे को जयललिता के सपने पर हमला बताया है। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि सीएम पलानीस्वामी और डिप्टी सीएम पन्नीरसेलवम अपनी सत्ता बचाये रखने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। उन्होंने इस छापेमारी की निंदा की और इसे राजनीति से प्रेरित बताया।
1996 के बाद ऐसा पहली बार है जब एआईएडीएमके की पूर्व प्रमुख जयललिता के घर पर छापा मारा गया है।
आयकर विभाग की ओर से पिछले कई दिनों से वीके शशिकला, उनके रिश्तेदारों के यहां छापेमारी जारी है। आयकर विभाग ने 9 नवबंर से लेकर अब तक 187 ठिकानों पर छापामारी की, जिसमें शशिकला, उनके भतीजे टीटीवी दिनकरन और तमिल टीवी चैनल जया टीवी के ठिकाने शामिल हैं। आयकर विभाग ने 10 समूहों के पास से 1430 करोड़ की अघोषित संपत्ति का पता लगाया है। आयकर अधिकारियों के मुताबिक 7 करोड़ नगद, 5 करोड़ की ज्वेलरी भी मिली है। इसमें शशिकला के भाई के यहां से बरामद नकद भी शामिल है।
6 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडू की विपक्षी पार्टी द्रमुक के अध्यक्ष एम करुणानिधि से मुलाकात की थी। उसके बाद से ही यह छापे शुरू हुए हैं। जानकारों का अनुमान है कि इन छापों का तमिलनाडू की पल-पल बदलती राजनीति से बहुत लेना-देना है। अब तक तमिलनाडू में अपनी जमीन बनाने की कोशिश में जुटी बीजेपी अन्नाद्रमुक से गलबहियां करने की कोशिश कर रही थी।
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