जज लोया केसः रविशंकर प्रसाद को फैसले की कॉपी पहले मिलने पर उठे सवाल

जज लोया की मौत की जांच की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं ने मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के फौरन बाद फैसले की कॉपी कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास उपलब्ध होने को लेकर सवाल उठाए हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सीबीआई जज बीएच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच की मांग वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। साथ ही इस मामले में एक नया विवाद भी खड़ा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुनाए जाने के फौरन बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कांफ्रेंस किया, जिसमें उन्होंने फैसले की कॉपी से पढ़कर कोर्ट के आदेशों को सुनाया। इसे लेकर ही विवाद गहरा गया है और कानून मंत्री सवालों के घेरे में आ गए हैं।

जज लोया केस के याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला ने इसपर सवाल उठाते हुए कहा कि फैसले के फौरन बाद जब उसकी कॉपी मामले के याचिकाकर्ताओं और वकीलों को भी नहीं मिली थी, तो यह रविशंकर प्रसाद के पास कैसे पहुंची। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, “कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को फैसले की कॉपी कैसे मिली, जबकि ये अभी जारी ही नहीं की गई है। यह संभव भी कैसे हो सकता है।”

एक के बाद एक कई ट्वीट कर तहसीन पूनावाला ने रविशंकर प्रसाद को कॉपी मिलने को लेकर कई सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट फैसले की कॉपी किसी को भी तभी मिलती है जब वह सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड हो जाती है। लेकिन फैसले के फौरन बाद सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट ठप हो गई थी, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों ने कहा कि फैसले की कॉपी अपलोड होने में समय लगेगा और उसके बाद ही उसकी सर्टिफाइड कॉपी किसी को उपलब्ध हो पाएगी। लेकिन उसके बावजूद उसी समय रविशंकर प्रसाद के पास फैसले की कॉपी होना सवाल खडे़ करता है।

इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भी सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “"सचमुच यह कौतूहल का विषय है। कानून मंत्री के पास सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की प्रति पहले से कैसे आई, जबकि उस समय न तो मीडियाकर्मियों और न ही वकीलों को फैसले की कॉपी मिली थी? और उसी समय सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट भी हैक कर ली गई थी।” सुरजेवाला ने कटाक्ष करते हुए कहा, बहुत ज्यादा पारदर्शिता और निष्पक्षता !

इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने भी ट्वीट कर कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट ठप थी और मामले से जुड़े याचिकाकर्ताओं और वकीलों के साथ ही मीडिया के लोगों को भी फैसले की कॉपी नहीं मिली, तो फिर कानून मंत्री के पास वह कैसे आ गई। प्रशांत भूषण ने इस विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जनसंपर्क अधिकारी की ओर से जारी की गई सफाई को ट्वीट करते हुए सवाल किया, “सरकार को फैसले की सीक्रेट कॉपी पहले कैसे मिली?”

सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत के जज बीएच लोया की मौत की जांच एसआईटी से करवाने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। जज लोया की पूणे में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत उस समय हुई थी जब वह सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह आरोपी थे।

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Published: 19 Apr 2018, 10:07 PM
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