शाहीन बाग में गोली चलाने वाला कपिल गुर्जर निकला ‘आप’ का सदस्य, दिल्ली क्राइम ब्रांच ने किया दावा

क्राइम ब्रांच के DCP राजेश देव ने बताया, “हमने कपिल के फोन से कुछ तसवीरें बरामद कीं, जो यह दिखाती हैं कि वह ‘आप’ का सदस्य है और उसने खुद भी इस बात को स्वीकार किया है कि उसने अपने पिता के साथ मिलकर करीब एक साल पहले आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी।”

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दावा किया है कि पिछले दिनों शाहीन बाग में हुई फायरिंग की घटना को अंजाम देने वाला युवक कपिल गुर्जर दिल्ली की सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी का सदस्य है। क्राइम ब्रांच ने कपिल का फोन बरामद कर उसमें से कुछ तसवीरें निकाली हैं, जिनमें वह ‘आप’ नेता आतिशी और संजय सिंह के साथ दिख रहा है। तस्वीरों में संजय सिंह और आतिशी कपिल को आम आदमी पार्टी की टोपी पहनाते नजर आरहे हैं।

क्राइम ब्रांच ने इस बात का भी दावा किया है कि कपिल ने करीब एक साल पहले अपने पिता और कई अन्य लोगों के साथ आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी।

क्राइम ब्रांच के DCP राजेश देव ने बताया, “शुरूआती जांच में हमने कपिल के फोन से कुछ तसवीरें बरामद कीं, जो यह दिखाती हैं कि वह ‘आप’ का सदस्य है और उसने खुद भी इस बात को स्वीकार किया है कि उसने अपने पिता के साथ मिलकर करीब एक साल पहले आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। हमने कपिल को 2 दिन के लिए हिरासत में लिया है।”


वहीं क्राइम ब्रांच के दावे का खंडन करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा, “अमित शाह इस समय देश के गृह मंत्री हैं, अब चुनाव से ठीक पहले फोटो और ऐसी साजिशें सामने आएंगी । चुनाव में 3-4 दिन बचे हैं। बीजेपी उतनी ही गंदी राजनीति करेगी, जितनी वो कर सकती है। किसी के साथ एक तस्वीर होने का क्या मतलब है?”

गौरतलब है कि पूरी दुनिया में विरोध और प्रदर्शन का प्रतीक बन चुके दिल्ली के शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में धरने पर बैठी महिलाओं पर बीते शनिवार कपिल गुर्जर नाम के एक युवक ने गोली चलाई थी। युवक को स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।स्थानीय लोगों ने बताया था कि वह दिल्ली के दल्लूपुरा का रहने वाला है। पुलिस हिरासत में हमलावर लगातार ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए कह रहा था कि इस देश में सिर्फ हिन्दुओं की चलेगी।


बता दें कि शनिवार को दिल्ली में खुलेआम सड़क पर फायरिंग की यह दूसरी घटना थी। इससे पहले 30 जनवरी को जामिया यूनीवर्सिटी के बाहर प्रदर्शनाकारियों पर एक शख्स ने पुलिस की मौजूदगी में फायरिंग की थी। इस घटना में जामिया का एक छात्र घायल हो गया था। गोली चलने के बाद हमलावर को पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। फायरिंग से पहले हमलावर काफी देर तक पिस्तौल लहराता रहा। लेकिन उसके ठीक पीछे मौजूद पुलिस के जवान मूकदर्शक बनकर खड़े रहे।

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