कोरोना-लॉकडाउन से यूपी के किसानों पर दोहरी मार, अचानक मिले कर्ज वसूली के नोटिस से अन्नदाता हैरान

यूपी के ललितपुर जिले के महरौनी विधानसभा क्षेत्र में प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक द्वारा किसानों को केसीसी ऋण वसूली के नोटिस थमा दिए गए। इसे लेकर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष #AjayKumarLallu ने योगी सरकार पर हमला बोला है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

एक ओर जहां विश्व भर में सरकारें अपने नागरिकों को सहायता पहुंचाने में लगी हुई हैं, वहीं दूसरी ओर बीजेपी सरकार खासतौर पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों को बोझ तले दबाने की योजना में लगी हुई है। दरअसल यूपी के ललितपुर जिले के महरौनी विधानसभा क्षेत्र में मैलवारा ग्राम की टपरियन बस्ती में प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक द्वारा किसानों को केसीसी ऋण वसूली के नोटिस थमा दिए गए।

प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक द्वारा किसानों को केसीसी ऋण वसूली के नोटिस थमा दिए गए
प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक द्वारा किसानों को केसीसी ऋण वसूली के नोटिस थमा दिए गए

उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले के महरौनी विधानसभा क्षेत्र में किसानों को केसीसी ऋण वसूली के नोटिस भेजे जाने की घटना पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर हमला बोला है। अजय कुमार लल्लू का कहना है कि वसूली की नोटिस ने किसानों पर कोरोना के कहर को डबल कर दिया है। एक तरफ जहां लॉकडाउन की वजह से खेतों में खड़ी फसलों की कटाई नहीं हो पा रही है और दूसरे काम बंद हैं, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण बैंकों द्वारा किसानों को नोटिस भेजे जाने से अन्नदाता मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जब लोगों को खाने के लाले पड़े हैं तो लोग ऋण कैसे उतारेंगे ?


अजय कुमार लल्लू ने आगे कहा कि न केवल बैंको ने गरीब किसानों को वसूली की धमकी दी है बल्कि चतुराई से लॉकडाउन के चलते अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने के लिए नोटिस थमा दिया है। अजय कुमार लल्लू ने इस हरकत को प्रशानसनिक बदमाशी करार दिया है। अजय कुमार लल्लू ने बताया कि दस्तावेजों से पता चलता है कि नोटिस भेजने की तारीख 11 मार्च है जबकि ऋण राशि जमा करने की अंतिम तिथि 16 मार्च बताई गई है। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि अगर कोई ऋण राशि जमा करना भी चाहे तो भला पांच दिन में कौन कर पाएगा।

नोटिस भेजने की तारीख 11 मार्च है जबकि ऋण राशि जमा करने की अंतिम तिथि 16 मार्च बताई गई है।
नोटिस भेजने की तारीख 11 मार्च है जबकि ऋण राशि जमा करने की अंतिम तिथि 16 मार्च बताई गई है।

इससे भी ज्यादा हास्यास्पद बात यह है कि डाक विभाग के माध्यम 25 मार्च को डिस्पैच किया गया। यानि जिस रात को प्राधानमंत्री ने लॉकडाउन का ऐलान किया उसके अगले दिन। इस प्रकार योगी सरकार ने न सिर्फ गरीब किसानों का अपमान किया है बल्कि प्रधानमंत्री जी के लॉकडाउन के आदेश का भी सरासर उल्लंघन किया है। लॉकडाउन का उल्लंघन करने के जिम्मेदार लोगों पर योगी सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।


अजय कुमार का कहना है कि पूरी दुनिया में जब कोरोना के कहर से निपटने के लिए सरकारें आम जनता के लिए, किसानों के लिए, छोटे मंझले व्यापारियों के लिए राहत पैकेज का ऐलान कर रही है। वहीं यूपी की बीजेपी सरकार ने किसानों से वसूली का अभियान चलाया है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसानों के प्रति कांग्रेस पार्टी की प्रतिबद्धता जाहिर है।अजय कुमार ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के समय किसानों को दी गई ऋण माफी को लोग आज तक याद करते हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया

योगी सरकार से संपूर्ण ऋण माफी की मंग करते हुए अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि न केवल किसानों की ऋणामफी की जाए बल्कि जब लॉकडाउन खत्म हो तो इससे किसानों को हुए नुकसान का आंकलन किया जाए और उसके नुकसान के एवज में मुआवजा भी प्रदान किया जाए। किसानों को नोटिस भेजने के बजाय योगी सरकार को चाहिए कि मनरेगा जॉब कार्ड धारकों के खाते तक समय पर सहायता राशि ना पहुंचाएं, गरीब-मजदूरों के लिए मुफ्त में भोजन राश का इंतजाम कराए।

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