केजरीवाल सरकार का सौतेला व्यवहार! डॉक्टरों के लिए आलीशान होटल, लेकिन नर्सों के लिए नहीं है कोई सुविधा

केजरीवाल सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के भले ही कई दावे किए हों, लेकिन एलएनजेपी अस्पताल की नर्सों की दर्दभरी कहानी कुछ और ही बयां कर रही है।

फोटो: सोशल मीडिया
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ऐशलिन मैथ्यू

भारत में कोरोना वायरस का असर अब ज्यादा होने लगा है। देश की राजधानी में भी इसके 500 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। दिल्ली सरकार भी इस वायरस से बचने के लिए हर संभव कोशिश में लगी है। दिल्ली के सीएम ने मंगलवार को 5 सूत्रीय योजना का एलान किया। इस योजना को उन्होंने '5-T' का नाम दिया है। उन्होंने इस योजना के जरिये बताया कि दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों पर कैसे रोक लगाएंगे। ये 5T क्या है जरा वो जान लीजिए। 5T यानी टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, टीम वर्क और ट्रैकिंग जो अपने आप में खुद ही ये बताता है कि ये अपने-अपने स्तर पर कैसे काम करेंगे।

खोखले साबित हो रहे हैं केजरीवाल के दावे!

सिर्फ 5T ही नहीं बल्कि वायरस ना फैलने को लेकर केजरीवाल इससे पहले भी अलग-अलग कोशिशें कर चुके हैं। केजरीवाल ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में तैनात डॉक्टरों को योद्धा तक बताया है। लेकिन उन नर्सों के बारे में एक बार भी नहीं सोचा जो लगातार इन डॉक्टरों की मदद में उनके साथ हर वक्त खड़ी हैं। नर्सों के साथ केजरीवाल के इस सौतेले व्यवहार को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल को पूरी से कोविड-19 के मरीजों के लिए समर्पित कर दिया गया है। इस अस्पताल में मरीजों के इलाज में लग डॉक्टरों को भी रहने की सुविधाएं दे दी गई है, लेकिन केजरीवाल सरकार ने उन नर्सों के बारे में एक बार भी नहीं सोचा जो उन मरीजों की देखभाल में कई घंटों तैनात रहेंगी। वो खुलकर बोलने से डर रही हैं, लेकिन हर नर्स के जहन में ये सवाल दौड़ रहा है कि आखिर वे खुद को कहां क्वारंटाइन करेंगी।

LNJP अस्पताल की नर्सों के लिए नहीं है उचित सुविधा
LNJP अस्पताल की नर्सों के लिए नहीं है उचित सुविधा

30 नर्सों के लिए सिर्फ दो बाथरुम

दरअसल, इस अस्पताल में 1,300 नर्सिंग ऑफिसर हैं। इस समय जो व्यवस्था बनाई गई है, उसके मुताबिक, अस्पताल की नर्सों को 14 दिनों की शिफ्ट की ड्यूटी पर तैनात किया गया है। इसके बाद इन नर्सों को 14 दिनों की क्वारंटाइन अवधि में रहना होगा। हालांकि अभी अस्पताल में ड्यूटी कर रही नर्सें इसी परिसर में दंत अस्पताल के हॉल में रह रही हैं। यहां एक सेक्शन में एक साथ 30 बेड लगा दिए गए हैं। दूसरी बात यहां सिर्फ दो बाथरूम हैं और अलग से कोई चेन्जिंग रूम नहीं है। यानी 15 लोगों के लिए एक बाथरूम है। जो आसानी से किसी भी संक्रमण को फैलने के लिए दावत दे सकता है।

डॉक्टर के लिए होटल, नर्स के लिए नहीं है कोई सुविधा

हालांकि डॉक्टरों की बात की जाए तो दिल्ली सरकार ने उनके लिए होटल ललित में ठहरने की व्यवस्था की है, ऐसे में वे खुद को वहां आसानी से क्वारंटाइन कर सकते हैं, लेकिन बाकी की नर्सें खुद को कहां क्वारंटाइन करेंगी? नर्सों को क्वारंटाइन की सुविधाएं अब तक नहीं दी गई है, जो किसी भी हेल्थ वर्कर के लिए जरूरी है। कई नर्सें खुलकर अपने हक की बात कहने में डर रही हैं। वे किस स्थिती में यहां अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रही हैं ये उनसे बेहतर कोई नहीं जानता है। नाम ना बताने की शर्त पर एक नर्स ने बताया कि कई बार तो 9 -9 नर्सें एक ही कमरे में रहती हैं और सभी के लिए सिर्फ एक बाथरूम होता है।

फोटो: सोशल मीडिया
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LNJP अस्पताल की नर्सों ने लगाया भेदभाव का आरोप

इन नर्सों का कहना है कि सीएम केजरीवाल कहते हैं कि कोविड-19 के खिलाफ डॉक्टर्स सामने से लड़ रहे हैं। तो हमारे बारे में क्या? क्या हम सामने से नहीं लड़ रहे हैं? अगर लड़ रहे हैं, तो हमारे साथ भेदभाव क्यों? दिल्ली सरकार ने डॉक्टरों को रहने के लिए ललित होटल उपलब्ध कराया है लेकिन उसने नर्सों की अनदेखी कर दी है जबकि नर्सें 24-24 घंटे की ड्यूटी कर रही हैं और उन्हें उचित ढंग के सुरक्षा कपड़े या अन्य सुविधाएं भी मुहैया नहीं कराई गई हैं।

बताया जा रहा है कि यूनियन सदस्यों ने इस बारे में चिकित्सा निदेशक को भी अवगत कराया है, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। नवजीवन ने दिल्ली के इस अस्पताल में तैनात इन नर्सों की आवाज बनने की कोशिश की। हमारे संवदादाता ने इस बारे में निदेशक से बात करनी चाही। लेकिन उन्होंने यह कहकर बात टाल दी कि वह अलग से कोई बात नहीं करेंगे। जो भी बात कहनी है वह मेडिकल बुलेटिन में बता दी जाएगी।

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