कोरोना से लड़ाई में मोदी सरकार की नाकामी पर बीजेपी में बवाल? एक अध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी, यूपी में कई विधायक नाराज

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बीजेपी अध्यक्ष चेरिंग दोरजी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन में फंसे यहां के लोगों को निकालने में यहां का प्रशासन नाकाम हुआ है, इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कोरोना के कहर से पूरा देश कराह रहा है। इस वायरस से लड़ाई किस तरह से लड़ी जाए इसको लेकर भी कई सवाल हैं। विपक्ष बीजेपी सरकार के कोरोना के खिलाफ लड़ाई में नाकाम बता रही है। वहीं बीजेपी के कई नेता और विधायक भी अपने सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। एक नेता ने तो पार्टी से इस्तीफा तक दे दिया है। दरअसल लॉकडाउन के दौरान देश भर में फंसे लोगों को न निकालपाने पर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बीजेपी अध्यक्ष चेरिंग दोरजी ने अपने पद से इस्तीफा दे दे दिया है। दोरजी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन में फंसे यहां के लोगों को निकालने में यहां का प्रशासन नाकाम हुआ है, इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे पत्र में दोरजी ने लद्दाख के यूटी प्रशासन पर 'असंवेदनशील' होने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि लद्दाख के यात्री, मरीज और छात्र सहित करीब 20 हजार लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। अंग्रेजीअखबार ‘The Indian Express’ से बातचीत में दोरजी ने कहा कि उन्होंने इस मसले को बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, लेफ्टिनेंट गवर्नर, लद्दाख में पार्टी के प्रभारी अवनीश राय खन्ना और यूटी प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष उठाया था लेकिन उनके सभी प्रयास विफल हो गए।


दोरजी का आरोप है कि लेह और कारगिल के परिषदों को यूटी प्रशासन ने प्रभावहीन बना दिया है। बीजेपी के पूर्व नेता का कहना है कि यूटी प्रशासन के अधिकारी रोजाना के कार्यों में इन परिषदों का सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दो जिलों की स्वायत्तता हासिल करने के लिए लद्दाख के लोगों ने काफी बलिदान किया है। दोरजी ने कहा कि वह इलाके की समस्याओं को पहले भी पार्टी के नेताओं से अवगत करा चुके हैं। दोरजी का पार्टी से इस्तीफा बीजेपी के लिए एक झटका माना जा रहा है।

इसी बीच, उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में बीजेपी के विधायक मनीष असीजा ने कोरोना क्वारंटीन सेंटर पर अव्यवस्था के आलम को लेकर अपनी नाराजगी जताते हुए डीएम को शिकायती पत्र लिखा है। उनका दावा है, “क्वारंटीन सेंटर पर खाना वक्त पर नहीं पहुंचता है। ऐसे में बच्चों को दिक्कत होती है। जांच में पता चला कि साढ़े 300 रुपए एक खुराक की रकम पड़ती है, जबकि वहां रहने वालों को ढाई लीटर पानी दिया जाता है। कृपया, इन चीजों को लेकर लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई करें।”


बता दें कि बीजेपी को ये झटके तब लगे हैं, जब मोदी सरकार और उनकी पार्टी की कोरोना और लॉकडाउन संबंधी रणनीतियों को लेकर बड़े स्तर पर कई धड़ों द्वारा आलोचना हो रही है। आलोचकों का कहना है कि लॉकडाउन महज पॉज (ठहराव) है, यह स्थाई हल नहीं है। देश को कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाने के साथ मजदूरों और उद्योगों को ध्यान में रखते हुए और आर्थिक पैकेज का ऐलान करना चाहिए।

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Published: 04 May 2020, 1:01 PM
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