गुजरात में शराबकांड: कांग्रेस का BJP सरकार पर हमला, कहा- मोदी-शाह के नाक के नीचे नशे का अड्डा बन गया है राज्य

कांग्रेस ने गुजरात में शराब से हुई मौतों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मोदी-शाह के नाक के नीचे गुजरात नशे का अड्डा बन गया है।

फोटोः IANS
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रवि प्रकाश @raviprakash24

कांग्रेस ने गुजरात में शराब से हुई मौतों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मोदी-शाह के नाक के नीचे गुजरात नशे का अड्डा बन गया है। बता दें कि गुजरात में शराब पूरी तरह बैन है इसके बावजूद यहां जहरीली शराब के कारण 42 लोगों की मौत हो गई और 100 से भी ज्यादा लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। सरकार का कहना है कि पुलिस 10 दिन में मामले में आरोपपत्र दाखिल करेगी।

पवन खेड़ा ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, 'यह एक ऐतिहासिक प्रदेश है। देश ही नहीं, विश्व को गुजरात ने बापू और पटेल के नाम पर एक योगदान दिया है। उस गुजरात की आपने यह हालत कर दी है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि गुजरात को आप किस स्तर पर ले जाकर रोकेंगे।

कांग्रेस प्रवक्ता ने बीजेपी सरकार पर इन घटनाओं की अनदेखी करने के भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर आंख मूंदकर बैठी हुई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार के ऊंचे स्तर पर अगर मिलीभगत नहीं हो तो यह संभव हो ही नहीं सकता है। पवन खेड़ा ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री जी, अब हम आपको कहते हैं कि कुछ दिन अब आप भी गुजारो गुजरात में। जिस ढर्रे पर आप गुजरात को छोड़कर गए थे, उसी ढर्रे पर ही आज भी गुजरात चल रहा है। लोग मर रहे हैं और नकली और जहरीली शराब का सेवन कर रहे हैं।"


कांग्रेस नेता ने कहा कि इतनी बड़ी घटना होती है लेकिन पीएम, सीएम और गृहमंत्री के मुंह से अब तक एक शब्द तक नहीं निकला है। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री गुजरात के ही हैं। गृहमंत्री भी वहीं के हैं और मुख्यमंत्री, लेकिन तीनों में से कोई बोटाद नहीं गए, मृतकों के परिवारों से नहीं मिले, प्रधानमंत्री ने न ही कोई ट्वीट किया और न कोई स्टेटमेंट आई है।'

कांग्रेस ने इस घटना की जांच हाई कोर्ट के सीटिंग जज से कराने की मांग की है। साथ ही कहा है कि जहरीली शराब पीने की वजह से मरने वालों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए। और जिनकी आंखें चली गई हैं या किडनी डैमेज हो गई उनके लिए मुफ्त और बेहतर इलाज की व्यवस्था हो।


गौरतलब है कि गुजरात के बोटाद, भावनगर और अहमदाबाद ग्रामीण में मिलाकर अब तक 45 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है और अब तीनों जिलों के अस्पतालों में 100 से ज्यादा लोग गंभीर हालत में भर्ती हैं। प्रशासन का कहना है कि इस मामले में ज़हरीली शराब बेंचने और बनाने वाले 15 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।

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