सामने आ गई तानाशाह की 'सूरत', लोगों से अपने नेता चुनने का अधिकार छीनना संविधान खत्म करने की दिशा में बढाया कदम - राहुल गांधी

राहुल गांधी ने एक्स ने लिखा, 'तानाशाह की असली 'सूरत’ एक बार फिर देश के सामने है! जनता से अपना नेता चुनने का अधिकार छीन लेना बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को खत्म करने की तरफ बढ़ाया एक और कदम है।

राहुल गांधी ने कहा कि यह आम चुनाव संविधान और लोकतंत्र बचाने का चुनाव है।
राहुल गांधी ने कहा कि यह आम चुनाव संविधान और लोकतंत्र बचाने का चुनाव है।
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नवजीवन डेस्क

गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से अन्य उम्मीदवारों के नामांकन पत्र वापस लिए जाने के बाद सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार मुकेश दलाल को इस सीट से निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। कांग्रेस ने इसे लेकर चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे तानाशाही करार दिया है।

राहुल गांधी ने एक्स ने लिखा, 'तानाशाह की असली 'सूरत’ एक बार फिर देश के सामने है! जनता से अपना नेता चुनने का अधिकार छीन लेना बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को खत्म करने की तरफ बढ़ाया एक और कदम है। मैं एक बार फिर कह रहा हूं - यह सिर्फ सरकार बनाने का चुनाव नहीं है, यह देश को बचाने का चुनाव है, संविधान की रक्षा का चुनाव है।'

वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। रमेश ने भी सोशल मीडिया एक्स लिखा, 'लोकतंत्र ख़तरे में है।

आप क्रोनोलॉजी समझिए।

सूरत जिला चुनाव अधिकारी ने सूरत लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द कर दिया है। कारण "तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर के सत्यापन में खामी” बताया गया है।

कुछ इसी तरह का कारण बताकर अधिकारियों ने सूरत से कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला के नामांकन को ख़ारिज कर दिया। कांग्रेस पार्टी बिना उम्मीदवार के रह गई है।

बीजेपी प्रत्याशी मुकेश दलाल को छोड़कर बाकी सभी उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है।

7 मई 2024 को मतदान से लगभग दो सप्ताह पहले ही 22 अप्रैल, 2024 को सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार को “निर्विरोध” जिता दिया गया।

प्रधानमंत्री मोदी के अन्याय काल में MSME मालिकों और व्यवसायियों की परेशानियों एवं गुस्से को देखते हुए भाजपा इतनी बुरी तरह से डर गई है कि वह सूरत लोकसभा के "मैच को फ़िक्स" करने का प्रयास कर रही है। इस सीट को वे लोग 1984 के लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार जीतते आ रहे हैं! हमारे चुनाव, हमारा लोकतंत्र, बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान - सब कुछ भयंकर ख़तरे में हैं। मैं दोहरा रहा हूं - यह हमारे जीवनकाल का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है!


गुजरात की सभी 26 सीट के लिए सात मई को मतदान प्रस्तावित है , लेकिन सूरत सीट का नतीजा पहले ही आ जाने के कारण अब उस दिन 25 सीट पर मतदान होगा।

सूरत जिला चुनाव कार्यालय के अनुसार दलाल को छोड़कर सूरत लोकसभा सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने वाले सभी आठ उम्मीदवारों ने अंतिम दिन अपना नाम वापस ले लिया जिनमें चार निर्दलीय, तीन छोटे दलों के और बहुजन समाज पार्टी के प्यारेलाल भारती शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि रविवार को निर्वाचन अधिकारी ने सूरत सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी का नामांकन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में प्रथम दृष्टया विसंगति होने के बाद रद्द कर दिया था।

कुम्भाणी का नामांकन रद्द होने के बाद पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी रद्द कर दिया था।

कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि कुम्भाणी का नामांकन बीजेपी के इशारे पर रद्द किया गया। पार्टी ने कहा कि वह इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देगी।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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