लक्षद्वीप सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता बहाल, कोर्ट से दोषी ठहराने के बाद हुई थी रद्द

लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा मोहम्मद फैजल की सदस्यता बहाल करने के संबंध में जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि केरल हाई कोर्ट द्वारा 25 जनवरी को पारित आदेश को मद्देनजर रखते हुए मोहम्मद फैजल की लोक सभा सदस्यता को बहाल किया जाता है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

लक्षद्वीप से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लोक सभा सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई है। मोहम्मद फैजल को हत्या के प्रयास के मामले में दोषी ठहराए जाने और 10 साल की कैद की सजा मिलने के बाद इसी वर्ष जनवरी में भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (ई ) के प्रावधानों एवं जनप्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा 8 के तहत लोक सभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया था। लेकिन हाई कोर्ट द्वारा उनकी सजा पर रोक लगाने का हवाला देते हुए अब उनकी लोक सभा सदस्यता बहाल कर दी गई है।

लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा मोहम्मद फैजल की सदस्यता बहाल करने के संबंध में जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि केरल हाई कोर्ट द्वारा 25 जनवरी को पारित आदेश को मद्देनजर रखते हुए मोहम्मद फैजल की लोक सभा सदस्यता को बहाल किया जाता है।


आपको बता दें कि, लक्षद्वीप के कवरत्ती के सत्र अदालत ने मुकदमा संख्या - 01/2017 में केंद्रशासित प्रदेश के लक्षद्वीप संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मोहम्मद फैजल पी.पी. को 11 जनवरी 2023 को सजा सुनाई थी। इस सजा का हवाला देते हुए नियमानुसार लोक सभा सचिवालय ने 13 जनवरी को एक नोटिफिकेशन जारी कर उन्हें अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाने की तारीख यानी कि 11 जनवरी 2023 से लोक सभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया था।

हालांकि बाद में मोहम्मद फैजल की याचिका पर केरल हाई कोर्ट ने 25 जनवरी को उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। इस रोक के बाद भी जब उनकी संसद सदस्यता को फिर से बहाल नहीं किया गया तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले ही लोक सभा सचिवालय ने उनकी संसद सदस्यता को फिर से बहाल कर दिया।


इस मामले को राहुल गांधी के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि क्योंकि अदालत द्वारा उन्हें 2 वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी भी लोक सभा सदस्यता छीन ली गई है। ऐसे में अब अगर राहुल गांधी सजा पर रोक के लिए ऊपरी अदालत में जाते हैं और अदालत अगर उनके पक्ष में फैसला सुनाती है तो फिर उनकी भी लोक सभा सदस्यता बहाल होने की संभावना बढ़ गई है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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