एमपी: वरिष्ठ बीजेपी नेता का पार्टी पर हमला, ‘कांग्रेस के कहने से नहीं, बेबसी में जान दे रहे हैं किसान’

मध्य प्रदेश में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्र तथा राज्य सरकार में मंत्री रहे सरताज सिंह ने अपनी ही पार्टी और सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि किसान बहुत परेशान हैं, इसलिए वे आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं। वे कांग्रेस के कहने पर ऐसा नहीं कर रहे हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मध्यप्रदेश में जारी किसानों के 'गांव बंद' आंदोलन को लेकर चर्चा के दौरान सरताज सिंह ने कहा कि देश के किसान बहुत तकलीफ में हैं, इसलिये वे आत्मगत्या जैसा कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान कांग्रेस के कहने पर आत्महत्या नहीं कर रहे हैं। बीजेपी नेता ने कहा, “बीजेपी हमेशा किसानों के हित में कदम उठाती रही है और स्वामीनाथन आयोग भी इसीलिए बना। बीजेपी चाहती है कि किसानों को उपज का डेढ़ गुना दाम मिले। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर अमल होने पर किसानों को लाभ होगा। लेकिन उन्हें यह लाभ नहीं मिल रहा है, इसलिए तो यह आक्रोश है और वे आंदोलन कर रहे हैं।"

सरताज सिंह ने कहा कि समर्थन मूल्य को महंगाई के सूचकांक से जोड़ा जाना चाहिए, इससे किसानों को लाभ मिलेगा, मगर अभी तक तो लागत मूल्य ही तय नहीं हो पाया है तो उपज का डेढ़ गुना दाम समर्थन मूल्य के तौर पर कैसे मिलेगा। यह पूछने पर कि क्या किसानों का यह आंदोलन कांग्रेस का आंदोलन है, उन्होंने कहा, "किसान आत्महत्या कर रहा है तो क्या वे कांग्रेस के कहने पर ऐसा कर रहे हैं? किसानों में आक्रोश है, इसलिए वे आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मांगों को समझना होगा।"

गौरतलब है कि बीजेपी की राज्य इकाई से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक राज्य में जारी किसान आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगा चुके हैं। भोपाल प्रवास के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी किसानों के आंदोलन को कांग्रेस का आंदोलन करार दिया था। बता दें कि पिछले साल 6 जून को मंदसौर में किसानों पर गोली बरसाए जाने की घटना का एक साल पूरा होने और अपनी उपज का सही दाम पाने के लिये किसान 1 से 10 जून तक गांव बंद आंदोलन कर रहे हैं।

उज्जैन के बडनगर में जन्में सरताज सिंह मध्य प्रदेश में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से हैं। वे 1978 से 1980 तक इटारसी नगर पालिका के अध्यक्ष रहे सरताज सिंह ने होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र से 1989 से 1996 तक तीन लगातार चुनाव में जीत हासिल की थी। उन्होंने 1998 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को हराया था। 2004 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की थी। 2008 में बीजेपी ने उन्हें होशंगाबाद जिले के सिवनी-मालवा विधान सभा क्षेत्र से टिकट दिया और जहां से उन्होंने तत्कालीन विधान सभा उपाध्यक्ष हजारी लाल रघुवंशी को हराया। 2009 में उन्हें राज्य में मंत्री बनाया गया था, लेकिन 2016 में 75 वर्ष से अधिक उम्र होने के कारण मंत्रीमंडल से बाहर कर दिया गया था।

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