मध्य प्रदेशः शिव ‘राज’ की अनंत गाथा, पुलिस भर्ती के लिए एक ही कमरे में हुई महिला-पुरुष की मेडिकल जांच

मध्य प्रदेश में सिपाही भर्ती के मेडिकल टेस्ट के दौरान एक ही कमरे में महिला और पुरुष अभ्यर्थियों का मेडिकल चेकअप करने का मामला सामने आया है। इस दौरान कोई महिला डॉक्टर भी मौजूद नहीं थी।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पिछले दिनों मध्यप्रदेश के धार जिले में सिपाहियों की भर्ती के लिए मेडिकल टेस्ट में दलित अभ्यर्थियों के सीने पर एससी-एसटी लिखने का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि शिवराज सरकार में अब एक और शर्मनाक मामला सामने आया है। इस बार पुलिस भर्ती के लिए लड़कियों और लड़कों का मेडिकल टेस्ट एक साथ, एक ही कमरे में कराया गया, जहां अभ्यर्थियों के कपड़े सबके सामने उतरवाकर जांच की गई। मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान कोई महिला डॉक्टर भी मौजूद नहीं थीं।

शर्मशार करने वाला ये मामला मध्य प्रदेश के भिंड जिले का है, जहां आरक्षकों की भर्ती के लिए जिला अस्पताल में मेडिकल जांच के दौरान एक ही कमरे में लड़कों और लड़कियों का मेडिकल टेस्ट किया गया। यही नहीं इस दौरान चेकअप के लिए लड़कियों के सामने ही लड़कों के कपड़े उतरवाकर जांच की गई। वहीं, प्रशासनिक लापरवाही की हद तो तब हो गई जब लड़कियों के मेडिकल जांच के लिए वहां कोई महिला डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं थी।

बता दें कि भिंड पुलिस लाइन में 217 नए महिला और पुरुष आरक्षकों की भर्ती हुई है। जिनका अलग-अलग चरणों में जिला अस्पताल में मेडिकल टेस्ट करवाया जा रहा है। इसी के तहत 1 मई को जिला अस्पताल में 39 युवक-युवतियों के मेडिकल टेस्ट करवाए गए। जिनमें से करीब 18 युवतियां और 21 युवक शामिल थे। आपको बता दें कि पिछले दिनों मध्यप्रदेश में कॉन्सटेबल भर्ती के दौरान शारीरिक जांच के समय चयनित उम्मीदवारों के सीने पर 'एससी-एसटी' लिख दिया गया था। जिस पर काफी विवाद हुआ था। इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

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Published: 02 May 2018, 3:21 PM
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