मध्य प्रदेश: सिंधिया ने उठाया उज्जैन कुंभ में भ्रष्टाचार का मुद्दा, क्या चुनावों में बीजेपी को होगा नुकसान?

उज्जैन में जनसभा को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार के दौर में हर तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इस सरकार ने तो उज्जैन में हुए कुंभ में भी भ्रष्टाचार करने में कसर नहीं छोड़ी। कुंभ को इस सरकार ने घोटाला महाकुंभ बना दिया था।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सोमवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस की प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने उज्जैन में हुए कुंभ (सिंहस्थ) को घोटालों का महाकुंभ बना दिया। उज्जैन के दशहरा मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में जनसभा को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा, "राज्य की वर्तमान सरकार के दौर में हर तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इस सरकार ने तो उज्जैन में हुए कुंभ में भी भ्रष्टाचार करने में कसर नहीं छोड़ी। कुंभ को इस सरकार ने घोटाला महाकुंभ बना दिया था।”

सिंधिया ने आरोप लगाते हुए कहा, "मटका तक खरीदने में घोटाला हुए, यहां तक कf मटके तक हार्डवेयर की दुकान से खरीदे गए।

दरअसल, सिंधिया 2016 में 21 अप्रैल से 22 मई तक उज्जैन की शिप्रा नदीं के किनारे हुए सिंहस्थ कुंभ का संदर्भ दे रहे थे, जो 12 वर्षों में एक बार होता है। शिवराज सरकार पर कुंभ में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था और मीडिया में इसे लेकर कई खबरें छपी थीं।

15 जून 2016 को पत्रिका में छपी खबर में बताया गया थी कि किस तरह कुंभ के लिए प्रक्रियाओं की अवहेलना कर बढ़े दामों में चीजों की खरीद हुई। 20 रुपए के प्लास्टिक मग 90 रुपए में खरीदे गए। 3000 रुपए का छोटा कूलर 6000 रुपए में, 1000 रुपए के गद्दे 3000 में और 150 रुपए के तकिये के खोल की 600 रुपए में खरीदी हुई। इसी प्रकार कई और चीजों की भी बढ़े दामों में खरीद हुई।

सिंहस्थ महाकुंभ में हुए इस कथित भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस ने उस वक्त भी शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा था। कांग्रेस ने कई तथ्यों के साथ एक आतंरिक रिपोर्ट भी तैयार की थी और आरोप लगाया था कि कुंभ में 1200 से लेकर 1600 करोड़ रुपए तक का घोटाला हुआ है। कांग्रेस ने दावा किया था कि कुंभ मेला के दौरान आयोजित हुए वैचारिक महाकुंभ में पीएम मोदी को खुश करने के लिए शिवराज सरकार ने 127 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। हालांकि 12 सितंबर 2016 को पायनियर में प्रकाशित खबर के अनुसार आरटीआई में यह जानकारी सामने आई थी कि वैचारिक महाकुंभ पर 24.59 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।

इन सारी जानकारियों के बावजूद बीजेपी ने सारे आरोपों को आधारहीन करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि कांग्रेस के पास सरकार के खिलाफ कोई ठोस मुद्दा नहीं है।

अब देखना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में शिवराज सरकार और बीजेपी के खिलाफ यह मुद्दा जाता है या नहीं?

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