प्रज्ञा के विरोध में करकरे के वेश में विधानसभा पहुंचे एनसीपी विधायक, कहा- श्राप से नहीं, देश के लिए हुए शहीद

मुंबई आतंकी हमले के दौरान शहीद हुए एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के वेश में विधनसभा पहुंचे एनसीपी विधायक ने कहा कि उनका मकसद यह बताना था कि शहीद हेमंत करकरे किसी के श्राप से नहीं मरे, बल्कि देश के लिए शहीद हुए।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के शहीद हेमंत करकरे की शहादत पर दिए विवादास्पद बयान के विरोध में महाराष्ट्र के एनसीपी विधायक प्रकाश गजभिये ने अपने ही अंदाज में प्रदर्शन किया। बुधवार को गजभिये शहीद हेमंत करकरे के वेश में महाराष्ट्र विधानभवन पहुंचे। हेमंत करकरे की वर्दी पहने गजभिये के हाथों में एक पोस्टर था, जिसपर लिखा था, “प्रज्ञा के श्राप से मौत हुई, यह अंधश्रद्धा है, मैं तो देश के लिए शहीद हुआ हूं।”

हालांकि, एक विधायक के इस तरह विधानभवन पहुंचने की खबर जैसे ही अधिकारियों को लगी उन्होंने गजभिये को फौरन बाहर निकाल दिया। इस अनूठे प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर एनसीपी विधायक गजभिये ने कहा कि वह इस तरह से आकर सिर्फ ये बताना चाहते थे कि शहीद हेमंत करकरे किसी के श्राप से नहीं मरे, बल्कि वह देश के लिए शहीद हुए थे।


गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हेमंत करकरे की शहादत पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि करकरे ने उन्हें गलत तरीके से फंसाया था। प्रज्ञा ने कहा कि वो अपने कर्मों की वजह से मरे हैं, क्योंकि उसने करकरे को श्राप दिया था कि उनका पूरा वंश खत्म हो जाएगा।

बता दें कि हेमंत करकरे मुंबई में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए शहीद हुए थे। इसके अलावा जिस मालेगांव ब्लास्ट केस में प्रज्ञा आरोपी हैं, उसकी जांच उनके नेतृत्व में ही महाराष्ट्र एटीएस कर रही थी। 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी करकरे महाराष्ट्र के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर के बाद एटीएस चीफ बनाए गए थे। 26 नवंबर 2009 में हुई उनकी शहादत के सम्मान में भारत सरकार ने उन्हेंन मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था।

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