ममता ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर और मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टर हटाए, हड़ताली डॉक्टरों से बातचीत में हुए फैसलों पर अमल शुरु
आरजी कर अस्पताल में एक चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले से निपटने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे गोयल को हटाने की घोषणा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार रात को प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के साथ बैठक के बाद की थी।

कोलकाता के आरजी कर रेप और मर्डर मामले में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों की मांगों पर ममता सरकार ने अमल करना शुरू कर दिया है। भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी मनोज कुमार वर्मा को विनीत गोयल की जगह मंगलवार को कोलकाता का नया पुलिस आयुक्त बनाया गया। एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई। वहीं मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टर को भी हटाने का फैसला किया गया है।
आरजी कर अस्पताल में एक चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले से निपटने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे गोयल को हटाने की घोषणा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार रात को प्रदर्शनकारी चिकित्सकों के साथ बैठक के बाद की थी।
गोयल 1994 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं और उन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) बनाया गया था।
वर्मा 1998 बैच के अधिकारी हैं। इससे पहले वह एडीजी और आईजी (कानून व्यवस्था) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
अब एडीजी और आईजी (कानून व्यवस्था) की जिम्मेदारी 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी जावेद शमीम को सौंपी गई है।
गौरतलब है कि सीएम ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम के प्रतिनिधिमंडल के साथ सोमवार को एक बैठक की थी। यह बैठक करीब पांच घंटे तक चली थी। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों की कुछ मांगों पर सहमति जताई। उन्होंने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और डिप्टी कमिश्नर (नॉर्थ) अभिषेक गुप्ता समेत चार अफसरों पर एक्शन लिया है। इसमें स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अफसर भी शामिल हैं।
ममता बनर्जी ने एक बयान में कहा कि हमारी सरकार ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल को बदलने का फैसला किया है। इसके अलावा कोलकाता पुलिस के डिप्टी कमिश्नर (उत्तरी संभाग) अभिषेक गुप्ता को भी बदला जाएगा। साथ ही राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशक एवं चिकित्सा शिक्षा निदेशक को भी बदला जाएगा।
बनर्जी ने कहा, "हमने जूनियर डॉक्टरों की अधिकतर मांगों को मान लिया है और हमें उम्मीद है कि राज्य द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में आने वाले मरीजों की दुर्दशा को देखते हुए जूनियर डॉक्टर अब काम पर लौट आएंगे।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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