मोदी सरकार के इस बिल का पंजाब समेत कई राज्य कर रहे कड़ा विरोध, आर्थिक और सियासी गणित बिगड़ने का खतरा!

केंद्रीय सरकार के प्रस्तावित बिजली संशोधन बिल-2020 पर केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह के साथ राज्यों के प्रतिनिधियों की बैठक में कई प्रदेशों ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे नए बिजली विधेयक का तीखा विरोध किया।

फोटो: सोशल मीडिया
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अमरीक

केंद्रीय सरकार के प्रस्तावित बिजली संशोधन बिल-2020 पर केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह के साथ राज्यों के प्रतिनिधियों की बैठक में कई प्रदेशों ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे नए बिजली विधेयक का तीखा विरोध किया। विरोध करने वालों में पंजाब, राजस्थान, केरल, झारखंड, तेलंगाना के साथ अन्य कुछ राज्य भी शुमार हैं। पंजाब के तीखे तेवर देखकर केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह ने कहा कि वह यथाशीघ्र पंजाब का दौरा करेंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पंजाब ने केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री को दो टूक कहा कि खेती-मोटरों, ट्यूबलों को दी जा रही सब्सिडी में कोई तब्दीली नहीं की जाएगी और सूबे में मौजूदा सब्सिडी प्रणाली कायम रखी जाएगी। बैठक में प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि केंद्र सरकार पहले राज्य के ढांचागत प्रबंधों की समीक्षा करे, अगर केंद्र का कोई सुझाव माकूल लगा तो उस पर गौर किया जाएगा। नए संशोधन के जरिए जबरन कुछ न थोपा जाए।

गौरतलब है कि बिजली संशोधन बिल-2020 लागू होता है तो किसानों को दी जाने वाली मुफ्त बिजली सुविधा बंद हो जाएगी और एवज में सरकार किसानों के खातों में सब्सिडी भेजेगी। पंजाब में इस प्रस्तावित बिल का जबरदस्त विरोध हो रहा है। किसान संगठन, शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी को छोड़कर तमाम सियासी दल और राज्य सरकार इस फार्मूले के विरोध में हैं। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के साथ बैठक में पंजाब के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि संघीय ढांचे के लिए बिजली संशोधन बिल बेहद नुकसानदेह है और यह राज्यों की शक्तियां कम करने वाला कदम है। केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह ने कहा कि वह इस पूरे मामले पर चर्चा के लिए यथाशीघ्र पंजाब का दौरा करेंगे।


पंजाब सरकार ने यह दलील भी रखी कि बिजली रेगुलेटरी कमीशन के चेयरपर्सन और सदस्यों की नियुक्ति राज्य सरकारों का विशेषाधिकार है, जबकि नया बिजली संशोधन विधेयक राज्यों से यह अधिकार छीनने की भी एक कवायद है। राज्य के प्रतिनिधियों ने कहा कि क्रॉस सब्सिडी का खात्मा पंजाब के लिए नागवार है। नए बिल से टैरिफ की मार पड़ेगी। जानकारी के अनुसार बैठक में आधा दर्जन के करीब राज्यों ने प्रस्तावित बिजली संशोधन बिल-2020 का कड़ा विरोध करते हुए इसे संविधान प्रदत संघीय व्यवस्था के खिलाफ बताया।

कहा जा रहा है कि अगर बिजली संशोधन विधेयक-2020 जस का तस लागू हो जाता है तो पंजाब का आर्थिक और सियासी गणित भी एकदम बिगड़ जाएगा। नए बिल के लागू होने की सूरत में किसान खेती ट्यूबलों के बिल खुद भरेंगे और सरकार सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में डालेगी। आशंकाओं के मद्देनजर पंजाब सरकार कुछ महीने पहले खेती सब्सिडी सीधे खातों में डालने की केंद्रीय तजवीज को रद्द कर चुकी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह शुरू से ही बिजली संशोधन विधेयक-2020 का तार्किक विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर वो दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियोंं के संपर्क में हैं।

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