'परिनिर्वाण दिवस' पर मायावती ने दिखाई ताकत, बोलीं- 'BSP को कमजोर करने के लिए रची गई साजिश'
रैली को संबोधित करते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी को केंद्र की सत्ता तक पहुंचने से रोकने के लिए जातिवादी दलों ने मिलकर षड्यंत्र रचा।

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने गुरुवार को पार्टी के संस्थापक कांशीराम के 'परिनिर्वाण दिवस' पर लखनऊ स्थित कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित महारैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विरोधी दलों पर तीखा हमला बोला।
रैली को संबोधित करते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी को केंद्र की सत्ता तक पहुंचने से रोकने के लिए जातिवादी दलों ने मिलकर षड्यंत्र रचा। इन दलों ने न सिर्फ राजनीतिक रूप से बीएसपी को कमजोर करने की कोशिश की, बल्कि दलित वोटों को बांटने के लिए बिकाऊ लोगों को खरीदकर साजिश की।
ईवीएम का इस्तेमाल लोकतंत्र के साथ खिलवाड़
मायावती ने कहा कि साल 2007 में जब उत्तर प्रदेश में बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, तब इन जातिवादी पार्टियों के चेहरे बेनकाब हो गए। उन्होंने कहा, "बीजेपी और एसपी ने मिलकर षड्यंत्र किया कि बीएसपी को केंद्र की सत्ता तक न पहुंचने दिया जाए। रही-सही कसर ईवीएम ने पूरी कर दी।"
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया कि इन दलों ने बैलेट पेपर की जगह ईवीएम का इस्तेमाल कर लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया, जबकि चुनाव बैलेट पेपर से भी शांति और पारदर्शिता के साथ कराए जा सकते हैं
उन्होंने सपा पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि सपा के शासन में दलितों और पिछड़ों का उत्पीड़न हुआ। मायावती बोलीं, "सपा सरकार में कानून व्यवस्था चरमरा गई थी। गुंडों और अराजक तत्वों को संरक्षण दिया गया। प्रदेश में भय और अराजकता का माहौल था।"
समाजवादी पार्टी पर बरसीं मायावती
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सवाल उठाते हुए कहा, "अभी मैंने सुना कि अखिलेश यादव कह रहे थे कि अगर उनकी सरकार बनी तो कांशीराम जी के नाम पर स्मारक बनाएंगे, लेकिन जब वे सत्ता में थे तो ऐसा क्यों नहीं किया? जब सत्ता से बाहर होते हैं, तभी इन्हें बसपा के नेता और दलित समाज के संतों की याद आती है। सत्ता में आते ही सब भूल जाते हैं।"
मायावती ने कहा कि बीएसपी की सरकार में जिन स्मारकों और संस्थानों का नाम कांशीराम जी के नाम पर रखा गया था, उन्हें सपा सरकार ने बदलने का काम किया। उन्होंने आगे कहा कि डॉ. आंबेडकर का सपना था कि दलितों और पिछड़ों को एकजुट होकर सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथ में लेनी चाहिए।
बीएसपी सुप्रीमो ने आगे कहा, "डॉ. आंबेडकर का यह सपना मान्यवर कांशीराम जी के जीवनकाल में तो पूरा नहीं हो सका, लेकिन हमने इसे पूरा किया। हमने तीन बार गठबंधन सरकार और एक बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर इतिहास रचा। हमने दलितों, पिछड़ों और समानतावादी विचारधारा रखने वाले लोगों को साथ लेकर ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की नीति पर काम किया।"
भतीजे आकाश आनंद को लेकर क्या बोंली मायावती
मायावती ने कार्यकर्ताओं को खुद की तरह पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और अपने भतीजे आकाश आनंद के साथ भी हमेशा खड़े रहने का आह्वान करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि आकाश पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में पूरे जी—जान से जुटे है जिससे पार्टी के लोगों में उनके प्रति काफी उत्साह बढ़ा है।
उन्होंने कहा, ''अब तो पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद भी बीएसपी के आंदोलन से काफी हद तक जुड़ चुके हैं। यह भी पार्टी के लिए अत्यंत शुभ संकेत है और अब आकाश आनंद मेरे मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में अपनी पूरी लगन और मेहनत के साथ पार्टी को मजबूती देने में और पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में पूरे जी जान से लगे हैं जिससे पार्टी के लोगों में उनके प्रति काफी उत्साह बढ़ा है।’’
मायावती ने कहा, ''इसे ध्यान में रखकर अब मेरा आकाश आनंद के बारे में यह कहना है कि जिस प्रकार से पूरे देश में पार्टी के लोग काशीराम जी के जीते जी और उनके देहांत के बाद भी हर परिस्थिति में मेरे साथ खड़े रहे, उसी प्रकार से पार्टी के लोग आकाश आनंद के साथ भी हमेशा खड़े रहें और इनका हर परिस्थिति में पूरा साथ भी जरूर दें।''
रमाबाई अंबेडकर मैदान में जुटे BSP कार्यकर्ता
इस मौके पर मायावती ने कांशीराम जी को श्रद्धांजलि अर्पित की और बड़ी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बीएसपी महज एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक आंदोलन है, जो समाज के दबे-कुचले वर्गों को सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए सतत संघर्षरत है।
उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी चाहे कितनी भी साजिशें रच लें, बीएसपी का आंदोलन न कभी झुका है, न झुकेगा।
रैली के लिए रमाबाई अंबेडकर मैदान में बीएसपी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के ठहरने की व्यवस्था की गई। रैली में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे। बीएसपी संगठन ने करीब पांच लाख लोगों के जुटान का दावा किया है।
सुरक्षा के लिए कई हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए, जबकि ट्रैफिक पुलिस ने वैकल्पिक मार्ग भी निर्धारित किए। यह रैली सिर्फ श्रद्धांजलि कार्यक्रम नहीं, बल्कि राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखी जा रही है।
आईएएनएस और पीटीआई के इनपुट के साथ
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