मोदी सरकार पर्दे के पीछे पाकिस्तान से कर रही है बात! 'बैक चैनल वार्ता' के जरिये आपसी गतिरोध तोड़ने की कोशिश

इन्हीं संपर्को के कारण फरवरी 2021 में दोनों देशों में युद्धविराम समझौते का नवीनीकरण हुआ और तब से संघर्ष विराम जारी है और इसके उल्लंघन की कोई बड़ी घटना नहीं हुई। लेकिन इस प्रक्रिया से दोनों देशों के बीच वार्ता की बहाली के मामले में कोई सफलता नहीं मिल सकी।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारत और पाकिस्तान आपसी संबंधों में गतिरोध को दूर करने के लिए 'बैक चैनल' वार्ता कर रहे हैं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच संबंध वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं और अगस्त 2019 में भारत ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था। इसके बाद परमाणु हथियारों से संपन्न दोनों देश के संबंध और खराब हो गए।

रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार के कार्यभार संभालने से पहले ही दोनों देश एक-दूसरे से बिना किसी शोरगुल के बात कर रहे हैं। इन्हीं संपर्को के कारण फरवरी 2021 में युद्धविराम समझौते का नवीनीकरण हुआ और तब से संघर्ष विराम जारी है और इसके उल्लंघन की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। लेकिन इस प्रक्रिया से दोनों देशों के बीच वार्ता की बहाली के मामले में कोई सफलता नहीं मिल सकी।


द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्र के हवाले से कहा गया है, "इसे बैक चैनल कहें, ट्रैक-2 या पर्दे के पीछे की बातचीत, केवल इस बात की पुष्टि की जा सकती है कि दोनों देशों के प्रासंगिक लोग एक-दूसरे के संपर्क में हैं।" हालांकि, सूत्र ने कहा कि उनके पास उन संपर्को का सटीक विवरण नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक कुछ ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक चर्चाओं को बनाए रखना 'बैक चैनलों' का उद्देश्य है।

पाकिस्तान में राजनीतिक अनिश्चितता और दोनों पक्षों की ओर से बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए कड़ी शर्तो को देखते हुए इस बैक चैनल वार्ता की तत्काल सफलता की संभावना कम है, क्योंकि लंबे समय से दोनों देशों के राजनयिक संबंध खराब हैं, द्विपक्षीय व्यापार निलंबित कर दिया गया और दोनों देशों के बीच कोई सीधी वार्ता नहीं हुई।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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