सरकार के लिए गांधी से बड़ा मोदी का कद, विज्ञापनों में नेपथ्य में डाला बापू को

आज गांधी जयंती है और आज के दिन पूरा देश राष्ट्रपिता को याद कर रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से एक भी विज्ञापन पूरी तरह से महात्मा गांधी को समर्पित नहीं है।



अखबारों में छपा खादी इंडिया का विज्ञापन
अखबारों में छपा खादी इंडिया का विज्ञापन
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भाषा सिंह

आज गांधी जयंती है और आज के दिन पूरा देश राष्ट्रपिता को याद कर रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से एक भी विज्ञापन पूरी तरह से महात्मा गांधी को समर्पित नहीं है। तमाम विज्ञापनों में प्रधानमंत्री का फोटो जगमगा रहा है और गांधी नेप्थय में ढकेल दिए गए हैं।

केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा जारी किए गए विज्ञापनों से साफ जाहिर होता है कि गांधी जंयती के दिन गांधी की एक भी उक्ति को उद्धरित करने के बजाय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्धरण दिया गया है। महात्मा गांधी की जयंती यानी 2 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र संघ ने अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था, लेकिन भारत सरकार ने गांधी जयंती को महज स्वच्छता दिवस में तब्दील कर दिया।

इस बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने नवजीवन को बताया कि, “बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, महात्मा गांधी से बेतरह नफरत करते है और वे गांधी की अहिंसा को हिंदुओं को नपुंसक बनाने के लिए जिम्मेदार बताते हैं। आज तमाम विज्ञापनों में नरेंद्र मोदी को महात्मा के तौर पर दिखाया गया है जो शर्मनाक है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहले ही महात्मा गांधी को एक चतुर बनिया बोल कर उनका अपमान कर चुके हैं। इससे बीजेपी और केंद्र सरकार की तुच्छ मानसिकता पता चलती है। मोदी सरकार ने करोड़ों रुपये योग दिवस पर खर्च किए। उसे ऐसा प्रचारित किया मानो मोदी से ही देश में योग शुरू हुआ और उन्हीं की बदौलत योग जिंदा है। उसके प्रचार-विज्ञापनों में भी मोदी ने अपनी ही फोटो योग करते हुए प्रचारित की। यह बीजेपी की गंदी सोच का परिचायक है। महात्मा गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी और संघ, कभी अहिंसा के प्रतीक के रूप में याद ही नहीं कर सकते है, क्योंकि वे हिंसा में विश्वास करते हैं। इसलिए बहुत ही सोची-समझी रणनीति के तहत महात्मा गांधी के कद को छोटा किया जा रहा है।”

गौरतलब है कि 2014 में सत्ता संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी को स्वच्छता के प्रतीक में तब्दील करने की सुनियोजित कोशिश की। धीरे-धीरे महात्मा गांधी की फोटो तक हटा दी गई और सिर्फ चश्मे में तब्दील कर दिया गया।

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Published: 02 Oct 2017, 7:31 PM