पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी की बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस ने बोला हमला, कहा- मोदी सरकार ने लोगों को लूटा 

कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि मोदी-शाह सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क और भारी कर बढ़ाकर लोगों को लूटा है और कांग्रेस की लगातार मांग के बावजूद इसे जीएसटी के तहत नहीं लाया गया है।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि मोदी-शाह सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क और भारी कर बढ़ाकर लोगों को लूटा है और कांग्रेस की लगातार मांग के बावजूद इसे जीएसटी के तहत नहीं लाया गया है। उन्होंने मांग की कि सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी का लाभ लोगों को दे और पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतों में कम से कम 35-40 प्रतिशत की कमी करे।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि सरकार ने शनिवार को पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी जिससे सरकार को 39,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा जबकि सरकार ने 2014-15 में अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में गिरावट से लाभ नहीं लेने की बात दोहराई थी।


उन्होंने कहा कि उत्पाद शुल्क बढ़ाने से पेट्रोल पर यह बढ़कर 22.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.83 रुपये हो गई है। 2014 में मोदी सरकार में पेट्रोल पर कर 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कई बार बढ़ोतरी की जा चुकी है। माकन ने कहा, "भाजपा सरकार की गैर-निर्देशित जन-विरोधी नीतियां पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की उच्च कीमतों के लिए जिम्मेदार हैं, क्योंकि कच्चे तेल में पिछले छह वर्षों से लगातार 50 प्रतिशत से भी ज्यादा की कमी हुई है।"

कांग्रेस ने मोदी सरकार के समाने तीन मांगें भी रखी हैं। कांग्रेस ने कहा है किसबसे पहले तो जो इंटरनेशनल कच्चे तेल की कम कीमतों का फायदा सीधे-सीधे लोगों को मिलना चाहिए और पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 40 फीसदी की कटौती होनी चाहिए। दूसरा, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंदर लेकर आना चाहिए। कांग्रेस की तीसरी मांग है कि, जो एक्साइज ड्यूटी और कस्टम के अंदर 2014 से पेट्रोल में 9 रुपए 48 पैसे एक्साइड बढ़ाकर 22 रुपए 98 पैसे कर दिया गया है, डीजल पर 3 रुपए 56 पैसे से बढ़ाकर 18 रुपए 33 पैसे कर दिया गया है, इसको वापस 2014 के लेवल के ऊपर लाया जाना चाहिए।


बता दें कि सऊदी और रूस के बीच चल रहे 'प्राइस वॉर' के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 30 फीसदी तक गिरी है। जिसके चलते भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी आई है लेकिन शनिवार को सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल सस्ता होने की वजह से ये फैसला लिया गया है। एक्साइज ड्यूटी में इस बढ़ोतरी से सरकार को करीब 39 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई होगी।

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