सांसद अवधेश प्रसाद ने SIR को लेकर साधा निशाना, बोले- PDA वर्ग को वोट के अधिकार से वंचित रखना चाहती है BJP सरकार

सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि एसआईआर का विषय एक मुद्दा नहीं है, बल्कि एक ज्वलंत समस्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में ऐसी हालत पैदा कर दी गई है कि लोकतंत्र पर खतरा है।

समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद
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आईएएनएस

समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार वोट के अधिकार से पीडीए (दलित-पिछड़ा और अल्पसंख्यक) वर्ग के लोगों को वंचित रखना चाहती है। उन्होंने मांग उठाई कि एसआईआर जैसे मुद्दे पर संसद के अंदर सरकार को चर्चा करानी चाहिए।

सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि एसआईआर का विषय एक मुद्दा नहीं है, बल्कि एक ज्वलंत समस्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में ऐसी हालत पैदा कर दी गई है कि लोकतंत्र पर खतरा है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने वोट देने का अधिकार दिया, जो सबसे कीमती है। बीजेपी सरकार इस अधिकार से लोगों को वंचित रखना चाहती है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसआईआर के तहत बीएलओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें पार्टी विशेष और जाति विशेष के लोग शामिल हैं। पीडीए के लोगों को फॉर्म नहीं दिया जा रहा है या उन्हें गुमराह किया जा रहा है। अवधेश प्रसाद ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में अभी तक किसी जिले में 40 प्रतिशत से अधिक फॉर्म नहीं बंटे हैं। इस प्रक्रिया के लिए कम से कम तीन महीने का समय होना चाहिए, तभी सही से काम हो पाएगा।


सरकार से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में 2027 में चुनाव होने वाले हैं, जबकि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अगले साल चुनाव है। फिर भी एसआईआर को लेकर इतनी जल्दी क्यों है?" सपा सांसद ने कहा कि विपक्ष के लोग सदन में इन्हीं समस्याओं को लेकर बात रखना चाहते हैं, लेकिन सरकार सुनना नहीं चाहती है। इस तरह से सत्तापक्ष देश में दलितों-पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के वोट काटना चाहता है। वे उन्हें मतदान से वंचित रखना चाहते हैं।

 प्रधानमंत्री मोदी के 'ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए' वाले बयान पर भी अवधेश प्रसाद ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "सत्तापक्ष से ज्यादा ड्रामा की जानकारी किसी को नहीं हो सकती है। इसलिए यह ड्रामा नहीं है, बल्कि एक ज्वलंत समस्या है। यह लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए विपक्ष की तरफ से उठाया गया कदम है।"

 उन्होंने कहा कि एसआईआर, किसान और बेरोजगारी जैसे कई ज्वलंत मुद्दे हैं, जिन्हें प्राथमिकता से सदन में रखने देना चाहिए। ये विशेष महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।

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