अयोध्या विवाद पर आरएसएस प्रमुख के बयान की चौतरफा निंदा, मुस्लिम संगठनों ने बताया अदालत की तौहीन

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अयोध्या में राममंदिर बनाने वाले बयान की चौतरफा निंदा हो रही है। मुस्लिम संगठनों ने कहा है कि भागवत ने ये बयान देकर अदालत की अवमानना की है।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के अयोध्या में राम मंदिर बनाने वाले बयान से माहौल गर्माता जा रहा है। भागवत के बयान पर मुस्लिम संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ऐसे बयान देना सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करना है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख भागवत ने यह बयान देकर कानून को अपने हाथ में लिया है। रहमानी ने कहा, “बोर्ड को अदालत पर भरोसा है और उसके फैसले के मुताबिक अमल की कोशिश करेगा। लेकिन भागवत का एकतरफा तौर पर यह कहना कि विवादित स्थल पर ही मंदिर बनेगा, यह हमें कुबूल नहीं होगा। इस तरह का बयान कोर्ट के प्रति अविश्वास का इजहार है और यह बयान देकर उन्होंने कानून को अपने हाथों में लिया है।”अयोध्या विवाद में मुस्लिम पक्ष का नेतृत्व कर रहे बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड का मानना है कि सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जो खुलेआम अदालत की तौहीन करके कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं।

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने भी भागवत के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दी है। जिलानी ने कहा, “भागवत ने कहा है कि कोर्ट चाहे जो फैसला दे, मगर मंदिर वहीं बनेगा। इस तरह के बयान लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।” जिलानी ने कहा कि उन्हें लगता है गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा बयान दिया गया है।

ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने भी कहा कि संघ प्रमुख भागवत सुप्रीम कोर्ट से बढ़कर नहीं हैं। अयोध्या मामले में कोर्ट जो फैसला सुनाएगा, उसे भागवत को भी मानना पड़ेगा।

24 नवंबर को कर्नाटक के उडुपी में चल रही धर्मसंसद में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए देश में मौजूदा परिस्थितियां अनुकूल हैं और इसके लिए थोड़ा धैर्य से काम लेने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा था कि हमारी आस्था और श्रद्धा का मामला है, इसलिए मंदिर वहीं बनेगा जहां राम की जन्मभूमि है।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


Published: 25 Nov 2017, 3:45 PM