बीजेपी छोड़ने की घोषणा के बाद हरियाणा से सांसद राजकुमार सैनी ने कहा, ‘बीजेपी को हराना मेरा मकसद’

हाल ही में बीजेपी छोड़ने की घोषणा करने वाले हरियाणा से सांसद राजकुमार सैनी ने कहा कि वे नई पार्टी बनाएंगे और बीजेपी को हराने के मकसद से अगले विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे।

फोटो: सोशल मीडिया 
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विश्वदीपक

हरियाणा से बीजेपी सांसद राजकुमार सैनी द्वारा पिछले दिनों पार्टी छोड़ने के बाद हरियाणा बीजेपी में हड़कंप मचा हुआ है। जींद में हुई बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की फ्लॉप रैली के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। संभावना है कि आने वाले दिनों में उनके साथ पार्टी के कई और नेता और कार्यकर्ता भी इस्तीफा दे सकते हैं। इस पूरे मामले और उनके आगे की योजना को लेकर विश्वदीपक ने उनसे खास बात की। पेश है पूरी बातचीत।

जींद में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की कथित फ्लॉप रैली के बाद आपने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। क्या आपने औपाचारिक रूप से पार्टी से सभी रिश्ते खत्म कर लिए है, इस्तीफा दे दिया हैं ?

देखिए, औपचारिक तौर पर मैंने अभी पार्टी नहीं छोड़ी है। जब मैं राजनीतिक दल का गठन करूंगा तब पार्टी छोड़ूंगा। अभी मैंने ऐलान कर दिया है। नई पार्टी के गठन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। मैं लोगों से मिल रहा हूं। उनके विचार सुन रहा हूं। हरियाणा में प्लान के मुताबिक अगस्त तक मैं अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दूंगा।

आपकी पार्टी का स्वरूप क्या होगा। ये राष्ट्रीय पार्टी होगी या क्षेत्रीय पार्टी होगी, आप चुनाव भी लड़ेंगे?

हमारे दल का स्वरूप राष्ट्रीय होगा। बीजेपी को हराने के मकसद से हम अगले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव भी लड़ेंगे। जहां हमारा आधार क्षेत्र है, वहां हम प्रत्याशी उतारेंगे।

क्या आपके बीजेपी छोड़ने के ऐलान के बाद पार्टी नेताओं ने या फिर अध्यक्ष अमित शाह ने आपसे संपर्क किया? या आपने केन्द्रीय नेताओं से संपर्क किया?

न ही पार्टी के बड़े नेताओं ने मुझसे संपर्क किया और न ही मैंने उनसे कोई संपर्क किया। मैंने अपना फैसला जनता के बीच सुना दिया है। मैं किसी के आगे सफाई देने नहीं जाता।

फिर भी सवाल तो बनता है कि जिस पार्टी ने आपको संसद तक पहुंचाया आपने उसे क्यों छोड़ा ?

हरियाणा में जिस तरह का माहौल है, उससे लगता है कि दादागिरी के आगे सरकार ने घुटने टेक दिए हैं। जो लोग माहौल खराब कर रहे हैं, उन्हें नौकरियां मिल रही हैं। बीजेपी सरकार उनसे आरक्षण का वादा कर रही है। जिन लोगों ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए और जिन्हें जेल में होना चाहिए, वो खुलेआम बाहर घूम रहे हैं। प्रदेश में एक किस्म से भय का माहौल है। सरकार से लोगों का भरोसा उठ गया है। इसीलिए मैंने बीजेपी छोड़ने का ऐलान किया।

मैं आपको फिर याद दिला रहा है हूं कि हरियाणा में बीजेपी की सरकार है। जाटों की तरफ से यशपाल मलिक ने बीजेपी सरकार से समझौता किया है।

हां, पता है कि यशपाल मलिक जाटों का नेता हैं और उसी ने सरकार से डील की हैं। मेरी दिक्कत किसी समुदाय से नहीं हैं, लेकिन उनकी धमकी के बाद जो हालात बने है, उससे लगता है कि हरियाणा में सरकार नाम की चीज ही नही है। ऐसा लगता है कि हरियाणा में बीजेपी की सरकार नहीं बल्कि दुकानदारी चल रही है।

आप बताइए कि सरकार क्या है? सरकार एक भरोसे का नाम है, लेकिन यहां तो जनता का सरकार से पूरी तरह से भरोसा उठ गया है तो फिर किस बात की सरकार। लोग कह रहे हैं कि जाटों और बीजेपी के बीच सब कुछ फिक्स था। बीजेपी के कहने पर जाटों ने धमकी दी फिर समझौते का नाटक हुआ। राज्य और केन्द्र में दोनों जगह बीजेपी की सरकार है। आप बताइए कि ऐसा कैसे हो सकता है कि एक आदमी कुछ सौ लोगों के साथ धमकी दे और पूरी सरकार झुक जाए।

अगर केवल राज्य में बीजेपी की सरकार होती तो समझ में आता कि केन्द्र से समर्थन नहीं मिल रहा है और मलिक जैसे लोग सरकार को झुका सकते हैं लेकिन जब केन्द्र में भी अपनी सरकार है तो फिर कैसे एक आदमी इतना ताकतवर हो सकता है? मतलब साफ है कि सब कुछ पहले से ही प्लान था। जनता भी समझ रही है कि ये योजनाबद्ध एपिसोड था।

आप कह रहे हैं कि हरियाणा में खट्टर सरकार से लोगों का भरोसा उठ गया है, कैसे ?

कोई भी सरकार नोट की तरह होती है। जब तक भरोसा है तभी तक सरकार है। भरोसा उठा तो समझो सरकार उठ गई। रिजर्व बैंक का गवर्नर नोट पर लिख कर देता है कि मैं धारक को इतने रुपये देने का वचन देता हूं तो उस नोट की कीमत बाजार में उतनी ही मानी जाती है। वैसे देखा जाए तो नोट क्या है कागज का एक टुकड़ा लेकिन जब गवर्नर जब लिखकर वचन देता है तो कागज का वो टुकड़ा कीमती हो जाता है। इसी तरह सरकार के साथ होता है। पर यहां हरियाणा में जो कुछ हुआ पिछले दिनों उससे साबित हो गया कि डंडा लेकर कोई भी सरकार को रोक सकता है। अपनी मनमानी कर सकता है। ऐसे में जनता का भरोसा कैसे होगा सरकार पर?

क्या बीजेपी के अंदर आप यशपाल मलिक की बढ़ती हैसियत से नाराज हैं ?

मैं पूछना चाहता हूं बीजेपी के नेताओं से कि मलिक से बातचीत की क्या जरूरत थी। हमें तो उससे बात करने की जरूरत ही नहीं थी। अगर इस तरह से हरियाणा में डंडे का राज चलता रहा तो जो ताकतवर है वो कमजोर लोगों को गुलाम बना लेंगे। अगर सरकार इस तरह हाथ पर हाथ रखकर बैठी रहेगी तो क्या होगा?

तो, आपको ये लगता है कि यशपाल मलिक ने अमित शाह के खिलाफ प्रदर्शन की धमकी देकर बीजेपी को ब्लैकमेल किया ?

कई बार ऐसा होता है कि अगर केन्द्र का सहयोग न हो तो इस तरह के मामलों में राज्य सरकारें दब जाती हैं लेकिन यहां तो केन्द्र में भी हमारी सरकार है। फिर यशपाल मलिक से क्यों बातचीत? जब उसने धमकी दी थी कि जींद में रैली के दौरान अमित शाह के मंच पर जाट कब्जा कर लेंगे तभी देशद्रोह की धाराएं लगाकर जेल में बंद कर देना चाहिए था। पर बीजेपी ने ऐसा नहीं किया। एक आदमी ने धमकी दे दी तो बीजेपी की दो-दो सरकारें कांप गईं।

इसी तरह से उस वक्त भी हुआ था जब सुप्रीम कोर्ट ने जाट आरक्षण को निरस्त किया था। तब कुछ मुट्ठी भार जाटों ने मिलकर प्रदर्शन किया और खट्टर सरकार डर गई। डर के मारे सरकार ने वादा किया कि वो रिव्यू पिटीशन फाइल करेगी, जाटों से वादा किया गया कि उनको आरक्षण दिया जाएगा। आप बताइए कि क्या ऐसे आरक्षण मिल सकता है हर किसी को। मेरा कहना तो ये है कि बीजेपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की आवहेलना की है। माननीय सुप्रीम कोर्ट का अपमान किया है। मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि ये जाटों को किस विधान के तहत आरक्षण देंगे? सब झूठे वादे करते हैं।

खट्टर सरकार का तो समझ में आता है। मेरा सवाल ये है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अक्ष्यक्ष अमित शाह जिनकी गितनी देश के सबसे ताकतवर लोगों में होती हैं, वो क्यों डर गए?

ये तो वही बता सकते हैं। इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता कि अमित शाह क्यों डर गए। पर एक बात तो साफ है कि मलिक ने जो चैंलेज दिया था वो मनोहर लाल खट्टर को नहीं था, वो राष्ट्रीय अध्यक्ष को ही था। यह चुनौती नीचे के नेताओं को भी नहीं था। जाटों ने सीधे-सीदे ऊपर के नेताओं को चुनौती दी थी। मुझे तो हैरानी इस बात की है कि जब हमारे पास इतनी मिलिट्री है, इतनी फोर्स है तो हमारी सरकार क्यों झुक गई? असल बात ये है कि बीजेपी के बड़े नेता, सरकार और जाटों ने मिलकर ये सब कुछ प्लान किया था। खुशी इस बात की है कि जनता सब कुछ समझ रही है।

आपके हिसाब से तो बीजेपी को काफी नुकसान हुआ। जाट वोट बैंक को बचाने के पाने के चक्कर में बीजेपी ने बाकी वोटर्स को खो दिया।

बिल्कुल, बीजेपी को हुआ है। यशपाल मलिक तो तौल-मौल करके चला गया। अपने लोगों को छुड़वा कर ले गया, जिन लोगों ने प्रदेश जलाया और कानून व्यवस्था को भंग किया वो जेल से छूट गए। वो तो यही चाहता था कि सरकार अपने घुटने टेक दे। जिस तरह मलिक ने कुछ मुट्ठी भर लोगों के साथ बीजेपी को मजबूर किया है। उससे यही लगता है कि हरियाणा में सरकार बीजेपी नहीं बल्कि यशपाल मलिक चला रहा है। उसके कहने से हरियाणा में बीजेपी की सरकार चल रही है

आखिरी सवाल ,आप बीजेपी के सांसद हैं। अपने ही पार्टी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अब तक के कार्यकाल को आप कैसे आंकते हैं ?

पिछले 70 साल से सिर्फ देश में भाषण चल रहा था। आज भी वही चल रहा है। सबसे पहले तो कांग्रेस ने देश का बंटाधार किया। किसान-मजदूर-गरीबों के नाम पर सिर्फ भाषण किया। तकलीफ की बात ये है कि आज भी वही भाषण चल रहा है। लोगों को उम्मीद थी कि नई सरकार आई है लोगों के हित के लिए काम करेगी, लेकिन यहां उल्टा हो रहा है। बैंक का हज़ारों करोड़ पैसा लेकर माल्या और नीरव मोदी जैसे लोग फरार हो रहे हैं और चौकीदार कुछ नहीं कर पाया।

लोगों को उम्मीद थी कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करेगी, महंगाई दूर करेगी लेकिन यहां सिर्फ भाषण और भाषण चल रहा है। राज्य में तो कानून नाम की कोई चीज ही नहीं है लेकिन केन्द्र में भी वही हाल है। देश के लिए एक कानून और जम्मू-कश्मीर के लिए दूसरा कानून, ऐसा कैसे चलेगा। बीजेपी ने सिविल कोड का वादा किया था, वो आज तक पूरा नहीं हुआ। बीजेपी का मकसद है कि सत्ता में बने रहना है, सरकार चलानी है। चाहे देश को कुछ हो जाए। कश्मीर में सेना पर पत्थर चल रहे हैं और राज्य में आरक्षण के नाम पर तांडव चल रहे हैं। प्रधानमंत्री को देश की जनता ने प्रचंड बहुमत दिया है। उन्हें चाहिए कि वो देश की जनता से किया गया वादा पूरा करें।

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Published: 19 Feb 2018, 5:49 PM