नीट विवाद के खिलाफ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष एवं प्रदेश के लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितता के खिलाफ पार्टी की राज्य इकाई के प्रदर्शन का नेतृत्व किया।

फोटो: @INCPunjab
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने वर्ष 2024 में आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) में कथित अनियमितताओं को लेकर शुक्रवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया और उच्चतम न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराने की मांग की।

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष एवं प्रदेश के लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितता के खिलाफ पार्टी की राज्य इकाई के प्रदर्शन का नेतृत्व किया।

उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश की निगरानी में हम जांच की मांग करते हैं।’’

पंजाब कांग्रेस के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ वडिंग को पुलिस द्वारा यहां थोड़े समय के लिए हिरासत में लिया गया।

पंजाब कांग्रेस नेता और सांसद धर्मवीर गांधी ने कहा, ‘‘हमें शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की भी अनुमति नहीं है। हम विरोध प्रदर्शन करने के लिए राज्य भाजपा कार्यालय जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने हमें हिरासत में ले लिया और धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा के लागू होने का हवाला देते हुए हमें वहां जाने की अनुमति नहीं दी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम छात्रों के लिए न्याय चाहते हैं। यह मुद्दा लाखों छात्रों के भविष्य से जुड़ा है।’’ धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।


परीक्षा में कथित अनियमितताओं के खिलाफ चंडीगढ़ युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन किया।

यहां कांग्रेस की पंजाब इकाई के कार्यालय के पास इससे पहले वडिंग ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब परीक्षाओं में अनियमितता का मामला सामने आया है।

वडिंग ने कहा, ‘‘उन लाखों बच्चों की क्या गलती है जिनका भविष्य दांव पर लगा है। माता-पिता और उनके बच्चे चिंतित हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इस मामले में एक शब्द भी नहीं बोला।’’ उन्होंने कहा कि बच्चे किसी देश का भविष्य होते हैं, लेकिन यदि इस तरह की चीजें होती हैं तो देश कैसे आगे बढ़ेगा।

परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी जिसमें लगभग 24 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था।

इस परीक्षा का परिणाम 14 जून को घोषित किये जाने की उम्मीद थी, लेकिन परिणाम चार जून को ही घोषित दिये गये थे क्योंकि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा हो गया था।

इस प्रतिष्ठित परीक्षा में बिहार जैसे अन्य राज्यों में प्रश्नपत्र लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और कई उच्च न्यायालयों समेत उच्चतम न्यायालय में याचिकाएं दायर की गई हैं।


उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि अगर नीट-यूजी 2024 परीक्षा के संचालन में यदि किसी की ओर से ‘0.001 प्रतिशत लापरवाही’ भी हुई है, तो भी इससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए।

सरकारी और निजी कॉलेजों के एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी का आयोजन देशभर में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा कराया जाता है।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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