अमित शाह के कथित बयान पर भड़का नेपाल, मांगा जवाब, जानें गृहमंत्री ने ऐसा क्या कह दिया कि पड़ोसी देश हो गया नाराज

नेपाल ने भारत के गृहमंत्री अमित शाह की ओर से पड़ोसी देशों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विस्तार की योजना वाले कथित बयान पर चिंता व्यक्त की है।

फोटो: IANS
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आईएएनएस

नेपाल ने भारत के गृहमंत्री अमित शाह की ओर से पड़ोसी देशों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विस्तार की योजना वाले कथित बयान पर चिंता व्यक्त की है। काठमांडू पोस्ट के अनुसार, भारत में नेपाल के राजदूत नीलांबर आचार्य ने बयान पर नाराजगी व्यक्त करने और स्पष्टीकरण मांगने के लिए भारत के विदेश मंत्रालय में नेपाल एवं भूटान मामलों के संयुक्त सचिव एवं प्रभारी अरिंदम बागची को फोन किया।

दरअसल, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने दावा किया था कि "केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी अपना दायरा बढ़ाना चाहती है। पार्टी नेपाल और श्रीलंका में शासन के लिए योजना बना रही है।"

अब नेपाल की ओर से इस पर आपत्ति जताए जाने के बाद भारतीय पक्ष ने आश्वासन दिया है कि वे देब के बयान को ध्यान में रखते हुए गुरुवार को अपनी नियमित प्रेस बैठक के दौरान इस मामले को स्पष्ट करेंगे। बताया जा रहा है कि भारत ने यह भी कहा है कि उन्होंने इस संबंध में विभिन्न भारतीय समाचारपत्रों में प्रसारित कुछ रिपोर्टों पर भी गौर किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।


कुछ दिनों पहले एक सार्वजनिक समारोह में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा था कि गृहमंत्री शाह ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि बीजेपी नेपाल और श्रीलंका सहित पड़ोसी देशों में अपनी सरकार बनाने की योजना बना रही है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देब ने कहा कि शाह ने त्रिपुरा की यात्रा के दौरान एक पार्टी मीटिंग में कथित तौर पर कहा था कि उनकी योजना भारत में अधिकांश राज्यों में जीतने के बाद पड़ोसी देशों में पार्टी की स्थापना की है।

देब ने कहा था, "हम राज्य के गेस्ट हाउस में बात कर रहे थे और तब अजय जम्वाल (बीजेपी के उत्तर-पूर्व जोनल सचिव) ने कहा कि बीजेपी ने भारत के कई राज्यों में अपनी सरकार बनाई है। इसके जवाब में शाह ने कहा कि अब श्रीलंका और नेपाल बचा है।"

मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर शाह के हवाले से कहा, "हमें श्रीलंका, नेपाल में पार्टी का विस्तार करना है और सरकार बनाने के लिए वहां जीत हासिल करनी है।"

देब के इस बयान के बाद जब ट्विटर पर प्रतिक्रिया आनी शुरू हुई तो नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने कहा कि इस संबंध में पहले ही आधिकारिक आपत्ति दर्ज करा दी गई है।

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